ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना बही, निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा नहीं: एनसीएमसी

By भाषा | Updated: February 7, 2021 21:21 IST2021-02-07T21:21:56+5:302021-02-07T21:21:56+5:30

Rishiganga hydroelectric project book, no risk of flood in low-lying areas: NCMC | ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना बही, निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा नहीं: एनसीएमसी

ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना बही, निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा नहीं: एनसीएमसी

नयी दिल्ली, सात फरवरी उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी पर 13.2 मेगावाट की एक छोटी पनबिजली परियोजना बह गई है लेकिन निचले इलाकों में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है क्योंकि जल स्तर सामान्य हो गया है।

रविवार की शाम यहां हुई एक आपात बैठक में मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) को यह जानकारी दी गई।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि एनसीएमसी को यह भी बताया गया कि एक पनबिजली परियोजना सुरंग में फंसे लोगों को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने बचा लिया है जबकि एक अन्य सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के प्रयास जारी है। अभियान का समन्वय सेना और आईटीबीपी द्वारा किया जा रहा है।

सभी लापता लोगों का पता लगाने और उन्हें बचाने के सभी संभव प्रयास किये जा रहे है।

ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी में जल स्तर बढ़ गया और 13.2 मेगावाट की एक छोटी पनबिजली परियोजना बह गई।

प्रवक्ता ने बताया कि ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ के कारण धौली गंगा नदी पर तपोवन में एनटीपीसी की एक जल परियोजना भी प्रभावित हुई है।

केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा दी गई सूचना के अनुसार निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा नहीं है और जल स्तर में वृद्धि को नियंत्रित कर लिया गया है। पड़ोसी गांवों में भी कोई खतरा नहीं है।

इस बीच केन्द्रीय और राज्य सरकार की संबंधित एजेंसियों को स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है।

एनटीपीसी के प्रबंध निदेशक को तुरंत प्रभावित स्थल पर पहुंचने के लिए कहा गया है।

एनडीआरएफ की दो टीमों को मौके पर भेजा गया है और गाजियाबाद में हिंडन हवाई अड्डे से तीन अतिरिक्त टीमों को भेजा गया है। सेना के जवान आज रात प्रभावित स्थान पर पहुंच जायेगे।

प्रवक्ता ने बताया कि आईटीबीपी के 200 से अधिक जवान मौके पर हैं। भारतीय नौसेना के गोताखोर रवाना हो रहे है और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के विमान और हेलीकॉप्टरों को तैयार रखा गया हैं।

एनसीएमसी ने उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के लिए बैठक की।

उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव ने एनसीएमसी को जमीनी हालात पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जानकारी दी और साथ ही इस घटना के बाद लोगों को बाहर निकालने और बाढ़ से हुए नुकसान को रोकने के लिए उनके द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में बताया।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि अगले दो दिनों तक इस क्षेत्र में वर्षा की चेतावनी नहीं है।

मंत्रिमंडल सचिव ने एजेंसियों को करीबी समन्वय में काम करने और राज्य प्रशासन को सभी अपेक्षित सहायता देने का निर्देश दिया।

उन्होंने सभी लापता लोगों का पता लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया और यह सुनिश्चित करने को कहा कि फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द बचाया जाये।

गौबा ने निर्देश दिया कि बचाव अभियानों के पूरा होने और स्थिति सामान्य होने तक निगरानी बनाए रखी जाए।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुसार सात शव बरामद किये गये हैं जबकि 125 लोग लापता है।

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Web Title: Rishiganga hydroelectric project book, no risk of flood in low-lying areas: NCMC

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