रामचरितमानस विवाद में मौर्य का विरोध करने वाली ऋचा सिंह और रोली तिवारी सपा से निष्कासित, अब अखिलेश यादव के खिलाफ खोला मोर्चा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 17, 2023 11:21 AM2023-02-17T11:21:07+5:302023-02-17T11:35:53+5:30
ऋचा सिंह और रोली तिवारी को समाजवादी पार्टी की ओर से निष्कासित कर दिया गया है। दोनों नेताओं ने अब निष्कासन के बाद अखिलेश यादव पर निशाना साधा है।
लखनऊ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह को समाजवादी पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। समाजवादी पार्टी की ओर से यह एक्शन न केवल ऋचा सिंह बल्कि एक अन्य महिला नेता रोली तिवारी मिश्रा पर भी लिया गया है। ऋचा सिंह और रोली तिवारी मिश्रा सपा की तेजतर्रार महिला नेताओं में शुमार थीं।
दोनों ही महिला नेताओं ने हाल ही में रामचरितमानस विवाद में पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ सवाल उठाये थे और उनके खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी।
पार्टी के एक्शन से नाराज ऋचा सिंह ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सपा की ओर से प्रयागराज पश्चिमी से भाजपा के वरिष्ठ नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ चुकी ऋचा सिंह ने निष्कासन के बाद ट्वीट में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को टैग करते हुए लिखा, 'महिला विरोधी शब्दों का प्रयोग करने वाले लंपटों के लिए डीजीपी ऑफिस जाएंगे और रामचरितमानस के समर्थन में खड़े होने वाले महिलाओं को बाहर का रास्ता दिखाएंगे। जय समाजवाद।'
महिला विरोधी शब्दों का प्रयोग करने वाले लंपटों के लिए डीजीपी ऑफिस जाएंगे और रामचरितमानस के समर्थन में खड़े होने वाले महिलाओं को बाहर का रास्ता दिखाएंगे
— Dr.Richa Singh (@RichaSingh_Alld) February 16, 2023
जय समाजवाद।@yadavakhilesh
इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में सपा के आंतरिक लोकतंत्र पर सवाल उठाते हुए ऋचा सिंह ने कहा, 'जब दलों में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो जाता है, तो दल से दलदल हो जाते हैं।'
जब दलों में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो जाता है
— Dr.Richa Singh (@RichaSingh_Alld) February 16, 2023
तो दल से दलदल हो जाते हैं@yadavakhilesh
ऋचा सिंह के साथ-साथ पार्टी से दर-बदर हुईं रोली तिवारी मिश्रा भी ट्वीटर के जरिये पार्टी के फैसले पर खासा हमलावर हैं। रोली तिवारी ने समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से निष्कासन की खबर को ट्वीट करते हुए और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को टैग करते हुए कहा, '16 वर्षों की निष्ठा के इस पुरस्कार के लिए आभार आदरणीय अखिलेश यादव जी। राष्ट्रद्रोहियों,सनातन, धर्मद्रोहियों, रामद्रोहियों के खिलाफ आवाज उठाती थी, उठाती रहूँगी। सनातन धर्म के स्वाभिमान, प्रभु श्रीराम, श्रीरामचरितमानस के सम्मान के लिए ऐसे हजारों निष्कासन स्वीकार। धर्मो_रक्षति_रक्षितः।'
16 वर्षों की निष्ठा के इस पुरस्कार के लिए आभार आदरणीय @yadavakhileshजी
— Dr Roli Tiwari Mishra पण्डित डॉ रोली तिवारी मिश्रा (@RoliTiwariMish1) February 17, 2023
राष्ट्रद्रोहियों,सनातन धर्मद्रोहियों,रामद्रोहियों के खिलाफ़ आवाज़ उठाती थी उठाती रहूँगी
सनातन धर्म के स्वाभिमान
प्रभु श्रीराम,श्रीरामचरितमानस के सम्मान के लिए ऐसे हज़ारों निष्कासन स्वीकार#धर्मो_रक्षति_रक्षितःpic.twitter.com/2qUMkwkXFO
दोनों नेताओं के निष्कासन के बाद समाजवादी पार्टी की ओर से भी बाकायदा पत्र जारी करके पार्टी के सभी नेताओं को दिशा-निर्देश जारी किया गया है कि वह सांप्रदायिक मुद्दों पर बहस से बचें। पार्टी की ओर कहा गया है कि हमें राजनीतिक चर्चा और बुनियादी सवालों पर ही ध्यान रखना है। धार्मिक मुद्दा संवेदनशील मुद्दा होता है। इस कारण से पार्टी नेताओं को आनायास उससे संबंधित बहसों में नहीं उलझना चाहिए। इसके साथ ही पार्टी ने यह भी कहा कि टीवी चैनलों की बहस में इन बातों का ध्यान रखा जाए।
वहीं, अब रोली मिश्रा के साथ ऋचा सिंह के पार्टी से निष्कासन के बाद सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि पूरे विवाद में स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश यादव का मौन समर्थन प्राप्त है। जिसके कारण दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
वहीं बीते बुधवार 15 फरवरी को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के पुजारी राजू दास के बीच इसी मुद्दे को लेकर झड़प की खबरें भी सामने आयी थीं। विवाद के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की और साथ में महंत राजू दास पर हत्या की नीयत से हमला करने का आरोप लगाया था।
दूसरी ओर महंत राजू दास का कहना है कि हमला उनकी ओर से नहीं बल्कि स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से किया गया और स्वामी ने उनके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मारपीट की।