भारत-चीन सीमा विवादः केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा- चीनी भोजन बेचने वाले रेस्तरां पर लगना चाहिए प्रतिबंध

By रामदीप मिश्रा | Updated: June 18, 2020 13:05 IST2020-06-18T13:05:02+5:302020-06-18T13:05:42+5:30

भारत-चीन सीमा विवादः गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही। सैन्य सूत्रों ने इस बारे में बुधवार को जानकारी दी।

Restaurants selling Chinese food should be banned says Union Minister Ramdas Athawale | भारत-चीन सीमा विवादः केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा- चीनी भोजन बेचने वाले रेस्तरां पर लगना चाहिए प्रतिबंध

रामदास अठावले ने चीनी भोजन का बहिष्कार करने की अपील की। (फाइल फोटो)

Highlightsमंत्री रामदास अठावले ने भी लोगों से अपील की है कि वे चीनी भोजन का बहिष्कार करें।उन्होंने कहा कि मैं लोगों से चीनी भोजन का बहिष्कार करने की अपील करता हूं।

नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प व वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उपजे तनाव को लेकर देश में रोष व्याप्त है। लोग चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की लगातार मांग कर रहे हैं। इस बीच नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रामदास अठावले ने भी लोगों से अपील की है कि वे चीनी भोजन का बहिष्कार करें।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि चीनी भोजन बेचने वाले रेस्तरां पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। मैं लोगों से चीनी भोजन का बहिष्कार करने की अपील करता हूं।'  

आपको बता दें, गलवान घाटी में सोमवार को हिंसक झड़प में भारत के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। हालांकि भारतीय सैनिकों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। इस झड़प में 43 चीनी सैनिक भी हताहत हुए हैं, जिसमें कई की जान भी गई है।  

इधर, गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही। सैन्य सूत्रों ने इस बारे में बुधवार को जानकारी दी। मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई। छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी। 

लेह स्थित 3 इन्फेंट्री डिविजन के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट ने वार्ता में भारतीय प्रतिनिधित्व का नेतृत्व किया। मंगलवार को भी दोनों पक्षों के बीच मेजर जनरल स्तरीय बातचीत हुई। 

अरूणाचल प्रदेश के नेताओं ने चीन की निंदा की

वहीं, भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प को लेकर अरूणाचल प्रदेश के नेताओं, अग्रणी छात्र संगठनों सहित आम लोगों ने चीन की निंदा की है। चीन के नापाक मंसूबे को ध्वस्त करने के लिए लोगों ने केंद्र से एहतियाती कदम भी उठाने का अनुरोध किया है। अरूणाचल प्रदेश में चीन से लगी 3488 किलोमीटर की सीमा है। 

अरूणाचल के कुछ लोगों ने कहा, 'हम अरूणाचल के वासी हैं और एक दूसरे को जय हिंद कहकर अभिवादन करते हैं।' उन्होंने राज्य में चीन के घुसपैठ के किसी भी प्रयास को नाकाम बनाने के लिए केंद्र से एहतियाती कदम उठाने का आग्रह किया। अरूणाचल पूर्व संसदीय सीट से भाजपा सांसद तपिर गाओ ने कहा, 'अरूणाचल के देशभक्त लोग चीन के अमानवीय कदम पर तीखी प्रतिक्रिया जता रहे हैं।' 

उन्होंने केंद्र से अरूणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ ही सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी एहतियाती कदम उठाने का आग्रह किया। राज्य में शीर्ष छात्र संगठन ऑल अरूणाचल प्रदेश स्टूडेंट यूनियन (एएपीएसयू) ने गलवान में झड़प की निंदा करते हुए सामाजिक-आर्थिक रूप से चीन का बहिष्कार करने की अपील की है।

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