अब तक नहीं पकड़े गए पुंछ आतंकी हमले के जिम्मेदार, सैकड़ों सैनिकों और खोजी दस्तों को छका रहे हैं आतंकी

By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 1, 2023 04:18 PM2023-05-01T16:18:03+5:302023-05-01T16:19:38+5:30

पुंछ हमले के उपरांत पुलिस ने सेना के साथ मिलकर इस मामले में दर्जनों लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पुलिस ने तो यहां तक दावा किया है कि वह आतंकियों के शरणदाता नासिर अहमद और उसको इसके लिए तैयार करने वाले मौलवी मंजूर को जम्मू से पकड़ने में कामयाब रही है। पर इसके बावजूद पुलिस और सेना आतंकियों तक नहीं पहुंच पाई है।

responsible for the Poonch terror attack have not yet been caught away from Indian Army | अब तक नहीं पकड़े गए पुंछ आतंकी हमले के जिम्मेदार, सैकड़ों सैनिकों और खोजी दस्तों को छका रहे हैं आतंकी

पुंछ आतंकी हमले में 5 जवानों ने जान गंवाई थी

Highlightsपुंछ में हुए आतंकी हमले को 12 दिन हो गएअब तक जिम्मेदार आतंकी सेना और पुलिस की पहुंच से दूरइस इलाके में आतंकी सैकड़ों जवानों को पहले भी छका चुके हैं

जम्मू: पुंछ में हुए आतंकी हमले को आज ( 1 मई) पूरे 12 दिन हो गए हैं।  सैकड़ों सैनिक, कई खोजी कुत्ते, लड़ाकू हेलिकाप्टर और दर्जनों ड्रोन उन दर्जनभर आतंकियों की थाह भी नहीं पा सके हैं जिन्होंने अपने किस्म के पहले आतंकी हमले में पुंछ के भट्टा धुड़ियां में पांच जवानों को मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में फिलहाल कुछ कथित ओवरग्राउंड वर्करों की गिरफ्तारियों को ही सफलता के तौर पर पेश किया जा रहा है।

यह पहला अवसर नहीं था कि इस इलाके में आतंकी सैकड़ों जवानों को छका रहे हों और उनके संयम का इम्तिहान ले रहे हों। वर्ष 2021 के अक्तूबर महीने में भी ऐसा हो चुका है जब सैंकड़ों सैनिकों ने करीब महीने भर चलने वाले ऐसे ही एक बड़े तलाशी अभियान की अंततः समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा था कि वे उन आतंकियों के शवों को नहीं पा सके हैं जिन्हें मुठभेड़ में मारा गया था।

अधिकारियों पर विश्वास करें तो यह आतंकियों का वही दल है जिसने एक बार फिर सैनिकों के संयम की परीक्षा ली है। ताजा हमले के उपरांत पुलिस ने सेना के साथ मिलकर इस मामले में दर्जनों लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पुलिस ने तो यहां तक दावा किया है कि वह आतंकियों के शरणदाता नासिर अहमद और उसको इसके लिए तैयार करने वाले मौलवी मंजूर को जम्मू से पकड़ने में कामयाब रही है। पर इसके बावजूद पुलिस और सेना आतंकियों तक नहीं पहुंच पाई है।

ऐसा लग रहा है कि इस सर्च ऑपरेशन का भी वही हाल होगा जो अक्तूबर 2021 में चलाए गए अभियान का हुआ था। तब भी आतंकी नौ सैनिकों की जान लेने मे कामयाब हुए थे और सेना व पुलिस किसी भी आतंकी को न ही पकड़ पाई थी और न ही मार सकी थी। राजौरी व पुंछ के एलओसी से सटे इन जुड़वा जिलों में 21 अप्रैल को हुआ यह हमला कोई पहला आतंकी हमला नहीं था। पांच अगस्त 2019 को धारा 370 हटाए जाने के बाद आतंकियों ने कश्मीर से इन जुड़वा जिलों की ओर रूख करते हुए पहले सुरनकोट के चमरेर इलाके में 11 अक्तूबर 2020 को पांच सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। इस हमले के पांच दिनों के बाद इसी आतंकी गुट ने पुंछ के भट्टा धुड़ियां इलाके में सैनिकों पर एक और घात लगा कर हमला किया तो 4 सैनिक शहीद हो गए।

 दोनों हमलों में शहीद होने वालों में दो सैनिक अधिकारी भी शामिल थे। करीब 10 महीनों की शांति के उपरांत आतंकियों ने फिर से राजौरी के दरहाल में सैनिकों पर हमला बोला तो पांच जवान शहीद हो गए। हालांकि सेना अभी तक इन हमलों में शामिल आतंकियों को न ही पकड़ पाई है और न मार गिराया जा सका है। कहा तो यह भी जा रहा है कि यह एक ही गुट का काम था। जिसने फिर से इस साल के पहले महीने की पहली तारीख को ढांगरी में 7 हिन्दुओं को मौत के घाट उतार दिया था।

Web Title: responsible for the Poonch terror attack have not yet been caught away from Indian Army

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