दिल्ली: विकास के नाम पर 17,000 पेड़ों पर 'गाज', सरकार के खिलाफ लोगों का विरोध प्रदर्शन
By धीरज पाल | Published: June 24, 2018 06:51 PM2018-06-24T18:51:14+5:302018-06-24T19:43:18+5:30
दिल्ली में रिडेवलपमेंट के नाम पर दिल्ली में चल रहे पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए हैं। दिल्ली के नौराजी नगर, नेताजी नगर और सरोजनी नगर समेत कई इलाकों में हो रहे पेडों की कटाई को लेकर लोग सड़कों पर धरने दे रहे हैं।
नई दिल्ली,24 जून: दिल्ली में रिडेवलपमेंट यानी पुनर्विकास के नाम पर दिल्ली में चल रही पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए हैं। दिल्ली के नौराजी नगर, नेताजी नगर और सरोजनी नगर समेत कई इलाकों में हो रही पेड़ों की कटाई को लेकर लोग सड़कों पर धरना दे रहे हैं।
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हाथों में स्लोगन भरे पोस्टर, जुबान पर नारों की गूंज के साथ लोग धरने पर बैठे हैं। इस धरने की शुरुआत सरोजनी नगर से हुई है। पर्यावरणविदों की मानें तो, दिल्ली में पर्यावरण की स्थिति पहले से ही गंभीर बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में पेड़ों की कटाई से पर्यावरण पर और भी ज्यादा नकारात्मक असर पड़ेगा।
क्या है पूरा मामला
दक्षिणी दिल्ली में चल रहे पेड़-पौधे की कटाई को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि रिडेवलपमेंट के नाम पर केंद्र सराकर अंधा-धून पेड़ों की कटाई कर रही है। इन पेड़ों को काटकर केंद्र सरकार मंत्रियों और अफसरों के लिए आवास मुहैया कराएगी। उन्होंने ये भी कहा कि इस प्रोजेक्ट में कुल 17000 पेड़ काटने की अनुमति केंद्र सरकार ने दी है।
#Delhi: Residents stage a protest against cutting of trees under redevelopment project in Nauroji Nagar, Netaji Nagar & Sarojini Nagar areas; Visuals of protest being held in Sarojini Nagar. pic.twitter.com/GZUm7TSElA
— ANI (@ANI) June 24, 2018
इन जगहों पर कटने हैं इतने पेड़
रिडेवलपमेंट के नाम पर दक्षिणी दिल्ली के किदवई नगर में 1123, नेताजीनगर इलाके में 2294, नारोजीनगर में 1454, मोहम्मदपुर में 363 जबकि सरोजनी नगर में 11 हजार पेड़ काटने का प्लान है। रिडेवलपमेंट के नाम पर कट रहे पेड़ों के मामले को लेकरक कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है।
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इसमें इन योजनाओं को दी गयी पर्यावरण संबंधित मंजूरी पर सवाल उठाया गया। याचिका ने फौरन पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने की मांग की। जिस पर जस्टिस ए के चावला, और नवीन चावला की अवकाशकालीन बेंच ने फिलहाल रोक से इनकार किया और कहा कि जब तक वो इस मामले में दूसरे पक्ष की दलील नहीं सुनेंगे तब तक कोई निर्देश जारी नहीं करेंगे।
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