पीएनबी घोटाले की रिजर्व बैंक ने उपयुक्त तरीके से आडिट नहीं की: सीवीसी
By भाषा | Published: April 3, 2018 06:05 PM2018-04-03T18:05:17+5:302018-04-03T18:05:17+5:30
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी ने पीएनबी ऋण धोखाधड़ी को लेकर आरबीआई को भी जिम्मेदार ठहराया है।
नयी दिल्ली, 3 अप्रैल: केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी ने पीएनबी ऋण धोखाधड़ी को लेकर आरबीआई को भी जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि जाहिरा तौर पर लगता है कि घोटाले के दौरान केंद्रीय बैंक ने कोई आडिट नहीं की।
चौधरी नेबैंकिंग क्षेत्र में आडिट प्रणाली को और अधिक मजबूत किए जाने पर बल दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की जिम्मेदारी के मुद्दे पर उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘उन्होंने(आरबीआई ने) यह काम( आडिट) नहीं किया।’’ सीवीसी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कामकाज पर नजर रखता है। पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये की रिण धोखाधड़ी की जांच सीबीआई कर रही है।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक का काम बैंकों का विनियमन करना है। लेकिन ईमानदारी में किसी तरह की कोताही पर केंद्रीय सतर्कता आयोग गौर करेगा। चौधरी ने कहा कि रिजर्व बैंक के अनुसार उसने नियमित आडिट की जगह‘ जोखिम आधारित’ आडिट व्यवस्था को अपनाया है। यह तब किया जाता है जब वित्तीय जोखिम शामिल हो।
उन्होंने कहा, ‘‘ जोखिम निर्धारित करने के लिये उनके पास कुछ मानदंड होने चाहिए। उसके आधार पर वे आडिट करते हैं। लेकिन ऐसा जान पड़ता है कि उस दौरान आरबीआई ने कोई आडिट नहीं किया।’’
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरूण जेटली ने धोखाधड़ी का पता लगाने में विफल रहने को लेकर नियामकों की आलोचना करते हुए फरवरी में कहा था कि राजनेताओं के विपरीत भारतीय प्रणाली में नियामकों की कोई जवाबदेही नहीं है।
चौधरी ने कहा कि एक नियामक के रूप में आरबीआई सामान्य दिशानिर्देश जारी करता है और वह भी तब जब विदेशी मुद्रा शामिल हो। उन्होंने कहा, ‘‘वे एक शाखा से दूसरी शाखा तथा एक बैंक से दूसरे बैंकों में नहीं जाते जबकि उनसे इस काम की अपेक्षा है।’’ चौधरी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से बैंकों की है कि कामकाज उपयुक्त तरीके और बेहतर रूप से हो।
उन्होंने कहा कि जब कुछ गलत होता है, कोई हर किसी पर आरोप नहीं लगा सकता। ‘‘कुछ प्रणालीगत मुद्दे हैं। उन्होंने(रिजर्व बैंक ने) फैसला किया है कि वह हर साल, एक साल में दो बार या दो, तीन या चार साल में एकआडिट कर सकता है जो जोखिम आधारित आडिट होगी।’’
चौधरी नेसवाल उठाते हुए कहा, ‘‘यह अच्छी नीति है। लेकिन कैसे वे जोखिमको मापने के लिए मानदंड क्या रखते हैं? आखिर यह धोखाधड़ी सामने क्यों नहीं आयी? इस पर विस्तार से गौर करने की जरूरत है।’’
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल पीएनबी नहीं है जहां यह धोखाधाड़ी हुई और दूसरे बैंक100 प्रतिशत सही हैं।‘‘ लेकिन हम केवल उम्मीदही कर सकते हैं कि दूसरे बैंकों में बेहतर प्रणाली है और वे व्यवस्था कापालन कर रहे हैं।’’
धोखाधड़ी रोकने में बैंकों की भूमिका पर चौधरी ने कहा कि जब गहराई से निर्णय लेने की प्रक्रिया की बात आती है, इसकी कोई समयसीमा नहींरखी जाती। उन्होंने कहा, ‘‘समयसीमा स्पष्ट होनी चाहिए। सतर्कता व्यवस्था मजबूतकी जानी चाहिए । दिशानिर्देशों तथा परिचालन प्रक्रियाओं को मजबूत किया जानाचाहिए । यह सुनिश्चितकिया जाना चाहिए कि उसका अनुकरण हो।’’
पीएनबी घोटाले में जांच के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मामले में सीवीसी जो भी कर रहा है, उसे इस समय नहीं बताया जा सकता है। इस मामले में प्रगति हो रही है।
चौधरी ने कहा, ‘‘कई मुद्दे हैं जो सीवीसी जांच कर रहा है। इसमें पीएनबी तथा आरबीआई से जुड़े मामले शामिल हैं।’’
सीबीआई समेत कई एजेंसियां नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के प्रवर्तक मेहुल चौकसी द्वारा पीएनबी के साथ की गयी13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच कर रही हैं।