न्यायिक अनुशासन में समकक्ष पीठ के आदेश के सम्मान की अपेक्षा: न्यायालय
By भाषा | Updated: September 13, 2021 22:41 IST2021-09-13T22:41:57+5:302021-09-13T22:41:57+5:30

न्यायिक अनुशासन में समकक्ष पीठ के आदेश के सम्मान की अपेक्षा: न्यायालय
नयी दिल्ली, 13 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय की टिप्पणियों को पूरी तरह अनुचित बताते हुए सोमवार को कहा कि न्यायिक अनुशासन या औचित्य में समकक्ष पीठ के आदेश के सम्मान की अपेक्षा होती है।
शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के नवंबर 2019 के आदेश को रद्द कर दिया, जिसने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की समकक्ष पीठ का याचिकाकर्ताओं को उचित अदालत के समक्ष नयी याचिका दाखिल करने की स्वतंत्रता देते हुए उसे वापस लेने की अनुमति देना न्यायोचित नहीं था।
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने अपने फैसले में कहा, ‘‘उत्तराखंड उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश रिट याचिका वापस लेने की अनुमति देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायिक आदेश के खिलाफ अपीली अदालत के तौर पर काम नहीं कर रहे।’’
मामला जून 1996 में एक कर्मचारी को बर्खास्त किये जाने को चुनौती देने संबंधी औद्योगिक विकास से संबंधित है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।