गैर-नेट फेलोशिप वसूली संबंधी खबरें ‘‘भ्रामक’’ हैं: जेएनयू

By भाषा | Updated: November 1, 2021 21:06 IST2021-11-01T21:06:12+5:302021-11-01T21:06:12+5:30

Reports on non-NET fellowship recovery are "misleading": JNU | गैर-नेट फेलोशिप वसूली संबंधी खबरें ‘‘भ्रामक’’ हैं: जेएनयू

गैर-नेट फेलोशिप वसूली संबंधी खबरें ‘‘भ्रामक’’ हैं: जेएनयू

नयी दिल्ली,एक नवंबर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने मीडिया की उन खबरों को ‘‘भ्रामक’’ बताया है,जिनमें कहा गया है कि उसने शोधार्थियों से गैर-नेट अध्येतावृत्ति (नॉन नेट फेलोशिप) वापस करने को कहा है।

विश्वविद्यालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार एमफिल और पीएचडी के छात्रों को इस तरह की फेलोशिप देता है।

इसमें कहा गया,‘‘ यह स्पष्ट किया जाता है कि भारतीय मीडिया में कुछ खबरों में आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय ने शोधार्थियों से नॉन नेट फेलोशिप वापस करने को कहा है, जो कि ‘‘भ्रामक’’ है।

विश्वविद्यालय की ओर से यह स्पष्टीकरण छात्रों के आरोपों के बाद आया है कि विश्वविद्यालय ने शोधार्थियों से नॉन-नेट फेलोशिप की वसूली शुरू कर दी है।

बयान में कहा गया है, ‘‘यह रेखांकित किया जाता है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार एमफिल और पीएचडी के छात्रों को गैर-नेट फेलोशिप वितरित करता है।’’

इसमें कहा गया,‘‘ यूजीसी योग्य छात्रों को जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में करता है और विश्वविद्यालय ऐसे छात्रों के संबंधित दस्तावेजों का केवल सत्यापन करता है और उन्हें यूजीसी पोर्टल पर अपलोड करता है।’’

विश्वविद्यालय के बयान में कहा गया है कि छात्र एमफिल और पीएचडी के दौरान अधिकतम पांच साल के लिए फेलोशिप पाने के हकदार होते हैं।

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Web Title: Reports on non-NET fellowship recovery are "misleading": JNU

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