लाइव न्यूज़ :

सरकार की नई गाइडलाइंस जारी, अब अस्पतालों में भर्ती होने को नहीं होगी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट की जरूरत

By भाषा | Updated: May 8, 2021 17:48 IST

इन दिशानिर्देश में कहा गया है कि किसी भी मरीज को सेवा देने से इनकार नहीं किया जाएगा, न तो ऑक्सीजन या दवाओं की वजह से और न ही उसके किसी अन्य शहर से होने की वजह से।

Open in App
ठळक मुद्देअस्पतालों में भर्ती होने को नहीं होगी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट की जरूरत।सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी निर्देश में कई बातों का जिक्र है।

राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिये एक महत्वपूर्ण निर्देश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती के लिये मरीज के पास कोविड-19 संक्रमित होने की रिपोर्ट अनिवार्य नहीं है।कोविड मरीजों के उपचार के लिये समर्पित निजी और सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में दाखिले के लिये संशोधित राष्ट्रीय नीति में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि किसी भी मरीज को ऑक्सीजन या आवश्यक दवाओं आदि समेत किसी भी मद में सेवा देने से इनकार नहीं किया जा सकता, भले ही वह किसी दूसरे शहर का ही क्यों न हो।

मंत्रालय ने कहा, “राज्यों को एक महत्वपूर्ण दिशानिर्देश में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विभिन्न श्रेणियों के कोविड देखभाल केंद्रों में कोविड मरीजों के दाखिले की राष्ट्रीय नीति में संशोधन किया है।”मंत्रालय के मुताबिक, “इन मरीज केंद्रित उपायों का उद्देश्य कोविड-19 से पीड़ित मरीजों को त्वरित, प्रभावी और समग्र उपचार उपलब्ध कराना है।”

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी निर्देश में कहा गया, “कोविड मरीजों का प्रबंधन कर रहे निजी अस्पतालों समेत, केंद्र, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के तहत आने वाले अस्पताल यह सुनिश्चित करेंगे कि कोविड-19 देखभाल केंद्र में दाखिले के लिये कोरोना वायरस संक्रमित होने की रिपोर्ट की जरूरत अनिवार्य नहीं होगी।”

इसमें कहा गया, “संदिग्ध मामले को कोविड देखभाल केंद्र (सीसीसी) संदिग्ध रोगियों के वार्ड, समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र (डीसीएचसी) और समर्पित कोविड अस्पताल (डीएचसी) जो भी हो वहां भर्ती किया जाएगा।”मंत्रालय ने यह भी कहा कि अस्पताल में दाखिला निश्चित रूप से “जरूरत के आधार” पर होना चाहिए।

इसमें कहा गया, “यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बिस्तर उस व्यक्ति की वजह भरा न हो जिसे अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है। इसी के साथ, अस्पताल से छुट्टी भी संशोधित नीति के तहत होनी चाहिए।”मंत्रालय ने कहा कि उसने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को परामर्श दिया है कि वे तीन दिनों में इन निर्देशों का शामिल करते हुए आवश्यक आदेश और परिपत्र जारी करें, जो तब तक प्रभावी रहेंगे जब तक एक उचित एकरूप नीति इसकी जगह नहीं ले लेती।

टॅग्स :कोरोना वायरसकोरोना वायरस इंडियादिल्ली में कोरोना
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारतरघुनाथ धोंडो कर्वे, ध्यास पर्व और डेढ़ सौ करोड़ हो गए हम

भारतYear Ender 2025: पहलगाम अटैक से लेकर एयर इंडिया क्रैश तक..., इस साल इन 5 घटनाओं ने खींचा लोगों का ध्यान

भारतYear Ender 2025: उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूरे भारत में भगदड़ में गई कई जानें, सबसे दुखद हादसों से भरा ये साल; जानें

भारतIndo-Pak War 1971: शौर्य और पराक्रम से पाक को चटाई थी धूल

भारतबिहार के मुजफ्फरपुर जिले में अपने पांच बच्चों के साथ फांसी के फंदे से झूल गया अमरनाथ राम, तीन की मौत, दो की बच गई जान