फास्ट ट्रैक पुलिस अदालतों की स्थापना के अनुरोध वाली याचिका पर सरकार से जवाब तलब
By भाषा | Updated: December 13, 2021 22:49 IST2021-12-13T22:49:51+5:302021-12-13T22:49:51+5:30

फास्ट ट्रैक पुलिस अदालतों की स्थापना के अनुरोध वाली याचिका पर सरकार से जवाब तलब
प्रयागराज, 13 दिसंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के राज्य में फास्ट ट्रैक पुलिस अदालतों की स्थापना के अनुरोध वाली एक जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा।
कासगंज पुलिस थाना में 22 वर्षीय अल्ताफ की कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत के मद्देनजर यह अनुरोध किया गया है।
इस जनहित याचिका में सुझाव दिया गया है कि इन त्वरित सुनवाई वाली अदालतों में पुलिस हिरासत में उत्पीड़न, मौत, दुष्कर्म और अपराध के अन्य मामलों में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी, शिकायतों और याचिकाओं पर सुनवाई की जानी चाहिए। साथ ही ऐसे मामलों में उच्चतम न्यायालय द्वारा तय विभिन्न दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।
सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।
याचिकाकर्ता के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अल्ताफ को पूछताछ के लिए बुलाया गया था और बाद में उसे नौ नवंबर, 2021 को कासगंज जिले में कोतवाली पुलिस थाना में मृत पाया गया। याचिका में आरोप लगाया गया कि अल्ताफ और इस तरह के अन्य व्यक्तियों की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु को किसी भी साधारण व्यक्ति द्वारा संस्थागत हत्या के तौर पर देखा जाता है।
इस जनहित याचिका में अदालत से केंद्र और राज्य सरकार को प्रदेश के सभी पुलिस थानों और सीबीआई, एनआईए आदि जैसे अन्य पुलिस कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
अल्ताफ की मौत के मामले में पीयूसीएल ने अदालत से इस मामले की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वर्तमान या पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित करने का अनुरोध किया है।
इसके अलावा, यह अनुरोध भी किया गया है कि उक्त समिति के अलावा, अदालत पुलिस महानिदेशक, कासगंज के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को मृतक के परिजनों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दे।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।