फारूक अब्दुल्ला ने 2024 के चुनाव को लेकर कहा, "खड़गे जी, भूल जाइए प्रधानमंत्री का पद"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 2, 2023 01:22 PM2023-03-02T13:22:54+5:302023-03-02T13:32:17+5:30
फारूख अब्दुल्ला ने 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कहा कि मैं तमाम दलों समेत कांग्रेस के खड़गे जी से कहूंगा कि भूल जाइए कि कौन प्रधानमंत्री बनगा। पहले मिलकर 2024 का चुनाव जीतना होगा।
चेन्नई: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने विपक्षी एकता की बात करते हुए कहा कि अगर सभी दल इकट्ठा होकर साथ मंच साझा करें तो केंद्र की मौजूदा सत्ताधारी एनडीए को सत्ता से दूर धकेला जा सकता है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने बीते बुधवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के जन्मदिन पर कहा कि अगर आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल साझा गठंबधन करके चुनाव जीतते हैं तो मौजूदा तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन में भी प्रधानमंत्री बनने की संभावना है।
इसके साथ ही उन्होंने एक और महत्वपूर्ण बात कही कि अगर एनडीए को सत्ता से बाहर करना है तो उसके लिए कांग्रेस को प्रधानमंत्री पद का मोह छोड़ना पड़ेगा। कांग्रेस केवल 2024 के लोकसभा चुनाव की जीत पर ध्यान केंद्रित करे बिना किसी पद की चाहत के।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे फारूक अब्दुल्ला ने स्टालिन के जन्मदिन समारोह में पत्रकारों से बात स्टालिन के प्रधानमंत्री बनने की संभावना के बारे में कहा, “क्यों नहीं? स्टालिन काबिल राजनेता हैं और उन्हें शासन चलाने का अच्छा अनुभव है फिर वह क्यों नहीं प्रधानमंत्री बन सकते हैं।”
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकता के प्रश्न पर अब्दुल्ला ने कहा कि स्टालिन और उनकी पार्टी डीएमके ने विकास के कई अच्छे काम किये हैं। उन्होंने विपक्षी एकता और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए अच्छा काम किया है।
फारूख अब्दुल्ला ने स्टालिन के जन्मदिन सम्मान समारोह में भाषण देते हुए कहा, “स्टालिन यही आगे बढ़ने का समय है। वो राष्ट्रीय राजनीति में आगे आएं। जिस तरह से उन्होंने तमिलनाडु का विकास किया है, अब पूरे देश को वैसे ही विकास आवश्यकता है। इसलिए मैं तमाम दलों समेत कांग्रेस के खड़गे जी से भी कहूंगा कि भूल जाइए कि कौन प्रधानमंत्री बनगा। हमें पहले मिलकर 2024 का चुनाव जीतना है, उसके बाद योग्यता, संख्या बल और अन्य समीकरण को सोचते हुए प्रधानमंत्री बनाने बारे में सोचा जाएगा।”
नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख अब्दुल्ला ने आगे कहा, "मौजूदा हालात में विपक्ष के लिए प्रधानमंत्री का पद मायने नहीं रखता है। हमें मिलकर इस मुल्क को बचाना है। अगर देश बच जाता है और 140 करोड़ की आबादी महफूज रहती है तो कोई न कोई योग्य व्यक्ति प्रधानमंत्री के पद पर भी बैठ सकता है।"