जमानत याचिका में कमजोर सबूतों का हवाला देना आरोपी को पड़ा भारी, न्यायालय ने जांच स्थानांतरित करने की वकालत की

By भाषा | Updated: August 5, 2021 22:33 IST2021-08-05T22:33:00+5:302021-08-05T22:33:00+5:30

Referring to weak evidence in the bail plea was heavy for the accused, the court advocated transfer of the investigation | जमानत याचिका में कमजोर सबूतों का हवाला देना आरोपी को पड़ा भारी, न्यायालय ने जांच स्थानांतरित करने की वकालत की

जमानत याचिका में कमजोर सबूतों का हवाला देना आरोपी को पड़ा भारी, न्यायालय ने जांच स्थानांतरित करने की वकालत की

नयी दिल्ली, पांच अगस्त सेना के एक जवान द्वारा पत्नी की मौत के मामले में जमानत लेने के लिए याचिका में आरोपपत्र में कमजोर साक्ष्यों का हवाला देना आरोपी के लिए भारी पड़ गया, जिसके मद्देनजर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पुलिस की जांच पर संशय जाहिर किया। साथ ही राजस्थान सरकार को इस मामले को एक ''निष्पक्ष जांच एजेंसी'' को स्थानांतरित करने पर विचार करने को कहा।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ राजस्थान के अलवर निवासी 38 वर्षीय सहाबुद्दीन की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिस पर एक छोटी सी बात को लेकर हुए झगड़े के बाद पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने और अपने मोबाइल से उसकी मौत का वीडियो बनाने का आरोप है। पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल रहे।

पीठ ने वकील अभिषेक गुप्ता से कहा कि आरोपी खुद इस बात को कह रहा है कि उसकी बेटी ने पुलिस को दिए बयान में उसकी संलिप्तता को लेकर बयान दिया है। पीठ ने कहा कि सभी प्रमुख गवाहों के बयान दर्ज होने तक वह जमानत याचिका पर विचार नहीं करेगी।

पीठ ने कहा, '' आपने अपनी पत्नी को मार दिया और आपका अन्य महिला के साथ अवैध संबंध था। आपने अपनी पत्नी को नहीं बचाया और यहां तक कि उसकी आत्महत्या का वीडियो तक बनाया। कृप्या मामले के गुण-दोष के आधार पर टिप्पणी का इंतजार नही करें।''

हालांकि, बचाव पक्ष के वकील ने राजस्थान पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र की ओर ध्यान दिलाते हुए जमानत प्रदान करने का अनुरोध किया और दावा किया कि आरोपी के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है।

इस पर प्रधान न्यायाधीश ने तत्काल आरोपपत्र की कुछ कमजोर कड़ियों को पकड़ा और कहा, '' मैंने अपने पूरे करियर में इस तरह का आरोपपत्र नहीं देखा।'' साथ ही जमानत याचिका खारिज करने के बजाय पीठ ने जांच पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।

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Web Title: Referring to weak evidence in the bail plea was heavy for the accused, the court advocated transfer of the investigation

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