पटाखों की बिक्री, इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ तत्काल सुनवाई के लिए अदालत में याचिका का जिक्र
By भाषा | Published: October 29, 2021 03:30 PM2021-10-29T15:30:05+5:302021-10-29T15:30:05+5:30
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर दीपावली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका का तत्काल सुनवाई के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष शुक्रवार को उल्लेख किया गया, जिस पर अदालत ने कहा कि वह इस पर ‘‘विचार करेगी।’’
अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह याचिका पर दिसंबर में सुनवाई करेगी, क्योंकि याचिकाकर्ता के मुख्य वकील उपलब्ध नहीं थे। वकील ने पीठ से इस आधार पर मामले की शुक्रवार या शनिवार को ही सुनवाई करने का अनुरोध किया कि अन्यथा इस याचिका का औचित्य नहीं रहेगा।
उच्च न्यायालय में एक नवंबर से पांच नंवबर तक दीपावली के कारण अवकाश की वजह से कामकाज बंद रहेगा और शनिवार को अंतिम कामकाजी दिन होगा।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने वकील से कहा कि वह कोर्ट मास्टर को मामले की संख्या बताएं और वह देखेगी कि मामले को कब सूचीबद्ध किया जा सकता है।
पीठ ने कहा, ‘‘आप मामले की संख्या दीजिए, हम विचार करेंगे। हम हां या नहीं नहीं कह रहे हैं। हम दिन के अंत में देखेंगे।’’
याचिकाकर्ताओं की पैरवी कर रहे वकील गौतम झा ने कहा कि उनकी याचिका चार नवंबर को दीपावली पर दिल्ली में पटाखों की बिक्री, भंडारण एवं इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध को लेकर है और यदि मामले में सुनवाई त्योहार से पहले नहीं की गई, तो इसका कोई औचित्य ही नहीं रहेगा।
अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए देशभर में पटाखों के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध से संबंधित ऐसा ही मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष भी लंबित है।
उच्च न्यायालय में यह याचिका दो व्यक्तियों-राहुल सांवरिया और तनवीर ने दायर की है। उनका दावा है कि दिल्ली सरकार का पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय अनुचित है क्योंकि शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश कभी नहीं दिया।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे 15 सितंबर के उस आदेश में संशोधन चाहते हैं जिसमें प्रदूषण संबंधी चिंताओं के कारण दीपावली के त्योहार के दौरान सभी प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था।
याचिका में तर्क दिया गया है कि प्रतिबंध मनमाना, अनुचित और आवश्यकता से अधिक उठाया गया कदम है।
इसमें दावा किया गया है कि दिल्ली में प्रदूषण वाहनों, जैव ईंधन जलाने आदि के कारण है और दीपावली के त्योहार से डेढ़ महीने पहले पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध ने लाखों लोगों की भावनाओं को आहत किया है।
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