निजी अस्पतालों को प्रति टीका 250 रुपये शुल्क वसूलने की अनुमति देने के निर्णय पर दोबारा विचार करें :सिद्धरमैया
By भाषा | Updated: March 5, 2021 15:03 IST2021-03-05T15:03:59+5:302021-03-05T15:03:59+5:30

निजी अस्पतालों को प्रति टीका 250 रुपये शुल्क वसूलने की अनुमति देने के निर्णय पर दोबारा विचार करें :सिद्धरमैया
बेंगलुरू, पांच मार्च कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निजी अस्पतालों को प्रति टीका 250 रुपये शुल्क वसूलने की अनुमति दिये जाने के निर्णय पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया और कहा कि यह महामारी के खिलाफ संघर्ष में एक निवारक के रूप में काम करेगा।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने मुफ्त टीकाकरण की वकालत की है ।
सिद्धरमैया ने पत्र में लिखा है, ‘‘निजी स्वास्थ्य केंद्रों को टीका लगाने के लिए 250 रुपये शुल्क वसूलने की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले से सभी के लिए प्रतिरक्षा सुनिश्चित करने और(कोरोनोवायरस) के प्रसार को रोकने के प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘मैं भारत के प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस निर्णय पर दोबारा विचार करें और प्रत्येक भारतीय के लिये शून्य कीमत (बिना किसी शूल्क के) पर टीकाकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करें ।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण अभियान धीमी गति से चल रहा है और देश में अब तक आधे प्रतिशत लोगों का टीकाकरण किया गया है जबकि दूसरे देश अपने लोगों के बीच तेजी से प्रतिरक्षा बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं ।
उनके अनुसार इस्राइल ने 36 प्रतिशत नागरिकों का टीकाकरण किया है जबकि अमेरिका और ब्रिटेन में क्रमश: छह एवं चार फीसदी लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।
सिद्धरमैया ने रेखाकिंत किया कि भारत में इस दर में तभी प्रगति हो सकती है जब लोगों के लिये बिना किसी कीमत के यह टीका हर जगह उपलब्ध हो ।
टीकाकरण अभियान के लिये निजी संस्थानों के साथ समझौते का समर्थन करते हुये कांग्रेस नेता ने सुझाव दिया कि केंद्र एवं राज्य सरकारों को प्रतिपूर्ति के लिए बोझ उठाना चाहिए।
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