रविशंकर प्रसाद ने कहा, "अरविंद केजरीवाल ने तो अपने गुरु अन्ना हजारे को भी शर्मिंदा कर दिया"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 1, 2023 12:10 PM2023-03-01T12:10:36+5:302023-03-01T12:23:10+5:30
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने अरविंद केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने अपने गुरु और वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के नेतृत्व में चले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को कलंकित करने का किया है।

फाइल फोटो
दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी आबकारी घोटाले के चक्रव्यूह में फंसी आम आदमी पार्टी पर लगातार तीखा हमला बोल रही है। भाजपा की ओर से 'आप' पर हमले की अगुवाई कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के गुरु अन्ना हजारे का नाम लेते हुए कहा कि "आम आदमी पार्टी के नेताओं ने न केवल लोकतांत्रिक राजनीतिक की शुचिता के साथ खिलवाड़ किया है बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के नेतृत्व में चले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को भी कलंकित करने का काम किया है।"
मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे पर कटाक्ष करके हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''आखिर सत्येंद्र जैन ने जेल में इतने महीने रहने के बाद क्यों इस्तीफा दिया। मनीष सिसोदिया ने भी उस वक्त क्यों नहीं उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया, जब उन्हें शराब कांड में आरोपी बनाया गया था। दोनों नेताओं का इस्तीफा बहुत पहले हो जाना चाहिए था। भाजपा शराब घोटाले को देश की जनता के सामने ले जाएगा और इनके दागदार चेहरों को बेनकाब करने का काम करेगी।''
पूर्व कानून मंत्री ने दिल्ली सीएम केजरीवाल पर सीधा हमला करते हुए कहा, "कल तक जो लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के झंडबरदार होने का दावा करते थे, उन्होंने तय किया कि दिल्ली की जनता को शराब में डूबो देना है। उनकी नई शराब नीति का सीधा मकसद था कि दिल्ली में शराब पीने वालों की संख्या में इजाफा हो।"
रविशंकर प्रसाद ने आम आदमी पार्टी के नेताओं का नाम न लेते हुए कहा, "उन्हें लगता है कि कमीशनबाजी केवल एक राजनीतिक दल की विरासत है। लेकिन देश की जनता इस बात को जान ले कि केजरीवाल की पार्टी 3सी यानी कट, कमीशन और करप्शन के बल पर खड़ी है। उन्होंने तो अपने गुरु अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को भी बदनाम किया है।"
उन्होंने मनीष सिसोदिया का नाम न लेते हुए कहा कहा, "अन्ना आंदोलन के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के प्रमुख चेहरे को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिना किसी राहत के खाली हाथ लौटा दिया। सिसोदिया देश के शायद एकमात्र ऐसे शिक्षा मंत्री थे, जो 'शराब मंत्री' भी थे। देश की जनता इस पूरे मामले को देख रही है और जनता अपना फैसला लेने में बहुत सक्षम है।"