चंडीगढ़ः डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह, चार अन्य को 19 साल पुराने हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत ने हत्या के एक मामले में फैसला सुना दिया है।
पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम और चार अन्य समेत सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। राम रहीम पर 31 लाख रुपये और बाकी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
सीबीआई ने आईपीसी की धारा 302 के तहत ‘‘अधिकतम सजा’’ देने की मांग की थी। विशेष अदालत ने डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में शुक्रवार को सभी को दोषी ठहराया था। अन्य दोषी कृष्ण लाल, जसबीर सिंह, अवतार सिंह और सबदिल हैं। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बीच अदालत में सुनवाई शुरू हुई थी।
सबसे पहले दोषियों के बयान दर्ज किए गए। पंचकूला में आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गयी थी। पुलिस ने मंगलवार को अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने की संभावना के मद्देनजर पंचकूला और सिरसा में भी सुरक्षा कड़ी कर दी जहां डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है। डेरा प्रमुख वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अदालत में पेश हुआ जबकि अन्य चार दोषी अदालत में मौजूद रहे।
सिंह दो अनुयायियों के साथ बलात्कार के मामले में 2017 में दोषी ठहराए जाने के बाद से रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं। हत्या मामले में एक और आरोपी की एक साल पहले मौत हो गयी थी। पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। एक अज्ञात पत्र प्रसारित करने में संदिग्ध भूमिका के चलते उसकी हत्या की गयी थी।
इस पत्र में बताया गया था कि डेरा प्रमुख डेरा मुख्यालय में किस प्रकार महिलाओं का यौन शोषण करता है। सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, डेरा प्रमुख का मानना था कि इस अज्ञात पत्र को प्रसारित करने के पीछे रंजीत सिंह था और उसने उसकी हत्या की साजिश रची।
गुरमीत राम रहीम को 2017 में दो अनुयायियों के साथ दुष्कर्म के जुर्म में 20 साल जेल की सजा सुनायी गयी। दो साल पहले डेरा प्रमुख को एक पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के जुर्म में भी उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी।