पूर्व CJI रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजने पर कांग्रेस ने बोला हमला, कहा- न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर प्रश्न चिन्ह उठ गया
By रामदीप मिश्रा | Published: March 17, 2020 03:33 PM2020-03-17T15:33:59+5:302020-03-17T15:34:50+5:30
रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया। इस संबंध में एक अधिसूचना गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई। यह सीट केटीएस तुलसी का राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने से खाली हुई थी।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार (17 मार्च) को सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का मानना है कि रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजने के बाद पूरे देश में न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर प्रश्न चिन्ह उठ गया है। दरअसल, कांग्रेस बीते दिन सोमवार को लेकर ही हमलावर है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'देश की न्यायपालिका, सरकार और प्रशासन के खिलाफ देश की जनता का आखिरी हथियार है। आज पूरे देश में उसकी स्वतंत्रता पर प्रश्न चिन्ह उठ गया है। रंजन गोगोई ने ट्रिब्यूनल की नियुक्तियों का मुकदमा सुनते हुए कहा था कि पोस्ट रिटायरमेंट जॉब जो जजों को दी जाती हैं वो प्रजातंत्र पर धब्बा है। सरकार कहना क्या चाहती है कि बी लॉयल यानि लॉयल( ईमानदार) बनो या जज लोया बन जाओ।'
बीते दिन रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर दो खबरें शेयर करते हुए कटाक्ष किया था। उन्होंने कहा था कि तस्वीरें सबकुछ बयां करती हैं। उन्होंने जो खबरें शेयर की थीं उनमें से एक में गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किये जाने की थी और दूसरी में कहा गया था कि न्यायपालिका पर जनता का विश्वास कम होता जा रहा है।
रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया। इस संबंध में एक अधिसूचना गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई। यह सीट केटीएस तुलसी का राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने से खाली हुई थी। गोगोई ने उस पांच न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व किया जिसने गत वर्ष नौ नवम्बर को संवेदनशील अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया था। वह उसी महीने बाद में सेवानिवृत्त हो गए थे। गोगोई ने साथ ही सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और राफेल लड़ाकू विमान सौदे संबंधी मामलों पर फैसला देने वाली पीठों का भी नेतृत्व किया।