Corona Crisis: पत्नी के साथ इटली से भारत लौटे IPS एयरपोर्ट अधिकारियों को चकमा दे निकल गए पटना, जानिए फिर क्या हुआ
By स्वाति सिंह | Updated: March 17, 2020 11:29 IST2020-03-17T11:13:45+5:302020-03-17T11:29:21+5:30
पटना एयरपोर्ट पर आईपीएस अधिकारी और उनकी पत्नी में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद इन्हें पीएमसीएच भेजा गया। यहां आइसोलेशन वार्ड में रखकर उनका इलाज किया जा रहा है।

आईपीएस अधिकारी और उनकी पत्नी 8 मार्च को इटली और स्विट्जरलैंड की यात्रा के लिए रवाना हुए और 13 मार्च को वापस आए हैं।
पिछले हफ्ते भारत सरकार ने परामर्श जारी किया है कि जो लोग चीन, हांगकांग, दक्षिण कोरिया, जापान, इटली, थाइलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, ईरान, फ़्रांस, स्पेन या जर्मनी की यात्री करके लौटे हैं, वे ख़ुद ही 14 दिनों के लिए अपने आप को अलग-थलग कर लें।
बावजूद इसके झारखंड कैडर के एक आईपीएस अधिकारी और उनकी ने सिक्योरिटी को चकमा देते हुए सरकार के इस परामर्श की अवहेलना की है। ये दंपति शनिवार को ही भारत लौटा है। इसमें पति अन्य राज्य के कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, वहीं पत्नी पटना के ही एक मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर हैं।
बताया जा रहा है कि इटली से भारत पहुंचने के बाद शनिवार को पटना हवाई अड्डे से उतरकर दोनों एक होटल में रुके थे। जिसके बाद दोनों को पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) के विशेष वार्ड में 14 दिनों के लिए आइसोलेशन वॉर्ड में रखा गया है।
बताया जा रहा है कि दंपति ने दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने वाले सभी टेस्ट को पूरा नहीं किया है और सिक्योरिटी को चकमा देकर भागे हैं।
हालांकि, आईपीएस अधिकारी ने उन आरोपों से इनकार किया कि उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना कार्रवाई की थी। उनका कहना है कि दिल्ली हवाई अड्डे पर निगरानी के बीच वह सभी जरूरी टेस्ट देकर यहां पहुंचे हैं। आईपीएस अफसर ने कहा कि उन्हें आइसोलेशन की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनमें कोरोनावायरस के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं।
पटना एयरपोर्ट पर इनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद इन्हें पीएमसीएच भेजा गया। यहां आइसोलेशन वार्ड में रखकर उनका इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा पटना के इसी अस्पताल में कोरोना के दो और अन्य संदिग्ध मरीज आए हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'मुझे और मेरी पत्नी को एक फॉर्म भरने के लिए कहा गया, जो हमने किया और फिर दिल्ली हवाई अड्डे पर थर्मल स्कैनर से भी गुजरे। वहां के अधिकारियों ने हमें समझाने-बुझाने की जरूरत नहीं समझी और हमें जाने दिया। जिसके बाद हम इमिग्रेशन से क्रॉस कर एयरपोर्ट से बाहर आए'। हालांकि, आइसोलशन वार्ड में रखे गये रांची के आईपीएस और उनकी डॉक्टर पत्नी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है। उनमें कोरोना का संक्रमण नहीं है।
बता दें कि इटली में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ कर 27,980 हो गई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बृहस्पतिवार को दर्ज हुए मृतकों की संख्या के दोगुने से अधिक हो गई है। पिछले दो दिनों में देश में 700 से अधिक मौतें सामने आयी हैं। इटली के लोम्बार्डी क्षेत्र में 1,420 मौतें हुई हैं। यह इटली में अब तक हुई कुल मौतों का 66 प्रतिशत है।
आईपीएस अधिकारी और उनकी पत्नी 8 मार्च को इटली और स्विट्जरलैंड की यात्रा के लिए रवाना हुए और 13 मार्च को वापस आए हैं। जबकि 5 मार्च को सरकार ने इटली और दक्षिण कोरिया से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड-19 निगेटिव प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया था।
पीएमसीएच में इनके ब्लड, सलाइवा आदि का सैंपल लेकर कोरोना की जांच के लिए भेजा गया है। फिलहाल इन चारों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है।
इस बीच पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती और पिछले दिनों विदेशों से लौट कर आए दो मरीजों की जांच रिपोर्ट शनिवार को आ गई। उनमें कोरोना का संक्रमण नहीं है। इसकी पुष्टि पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने की है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
स्कूल-कॉलेज बंद
वहीं, कोरोना वायरस को लेकर बिहार सरकार ने 31 मार्च तक सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल-कॉलेज बंद करने का फैसला किया है। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि राज्य में सीबीएसई की परीक्षा जारी रहेगी। इसके अलावा स्कूलों में बाकी परीक्षाएं रोकने का आग्रह किया गया है। इसके अलावा सभी आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद होंगे। राज्य में सभी सिनेमा हॉल भी बंद रहेंगे। बड़े हॉल की बुकिंग 31 मार्च तक नहीं होगी।