बसंत पंचमीः राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने दी बधाई, जानें क्यों है यह त्योहार खास
By रामदीप मिश्रा | Updated: January 22, 2018 09:41 IST2018-01-22T09:01:37+5:302018-01-22T09:41:34+5:30
माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन ही विद्या की देवी माता सरस्वती का जन्म हुआ था।

basant panchami
बसंत पंचमी का त्योहार सोमवार (22 जनवरी) को उमंग और उत्साह के साथ पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने इस त्योहार की ट्वीट कर सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस त्योहार के बारे में कहा जाता है कि इस दिन बुद्धि की देवी माता सरस्वती का जन्म हुआ था। इसलिए बसंत पंचमी के दिन खास तौर पर देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।
राष्ट्रपति ने ट्वीट किया कि बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के अवसर पर सभी लोगों को बधाई। साथ ही उन्होंने कहा कि यह त्योहार हमें सीखने और परिवारों में, समाज में, देश में शिक्षा और ज्ञान की सीमाओं का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
Greetings to all fellow citizens on Basant Panchami and on the occasion of Saraswati Puja. May this festival, which celebrates learning, spur us to expand the frontiers of education and knowledge in our families, our society and our country #PresidentKovind
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 22, 2018
वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा कि मैं प्रार्थना करता हूं कि इस शुभ अवसर हमारा समाज खुश और अधिक सामंजस्यपूर्ण बने। मां सरस्वती हमें आशीर्वाद दें और हमेशा हमारे साथ रहें व ज्ञान प्रदान करें।
Greetings on Basant Panchami. I pray that this auspicious occasion makes our society happier and even more harmonious. May the blessings of Maa Saraswati always remain with us and bestow us with wisdom.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2018
https://www.lokmatnews.in/spirituality/basant-panchami-2018-importance-saraswati-puja/
बसंत पंचमी के दिन इसलिए होती है मां सरस्वती की पूजा, जुड़ी है ये पौराणिक कथा
बता दें कि पुराणों के अनुसार मां सरस्वती का प्राकट्य बसंत पंचमी के दिन हुआ था। इसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। विद्या और कला जननी कही जाने वाली मां सरस्वती की लोग पूजा अर्चना करते हैं। इसके अलावा भारत के अलग-अलग जगहों पर मां सरस्वती की पूजा, वंदना और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
कहा जाता है कि लोगों को मां सरस्वती विद्या और कला में निपुण बनाती हैं। इसके अलावा यह दिन भारत के छह मौसमों में से एक 'बसंत ऋतु' के आगमन की खुशी में भी मनाया जाता है।