राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले में जल्दी सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में डाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम मंदिर मामले को लेकर जल्दी सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट अनुसार इस मामले में किसी जल्दबाजी की जरूरत नहीं है। कोर्ट इस पर अपनी निधार्रित तारीखों पर ही सुनवाई करेगा।
पिछले महीने में अयोध्या मामले को लेकर शुरू होने वाली अंतिम सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी तक के लिए टाल दी थी। इसके बाद से लगातार चुनावों के चलते राजेनताओं और संत समाज ने राम मंदिर को लेकर कई बयान दिए।
ज्यादातर राजनैतिक दलों ने जल्द राम मंदिर बनवा देने की वकालत की है। इसके बाद हिन्दू महासभा ने एक अर्जी डालकर सुप्रीम कोर्ट से मामले पर जल्दी सुनवाई की मांग की थी।
इसके बाद अर्जी पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगाई ने कहा कि इस पर कोर्ट पहले ही तारीख दे चुका है। ऐसे में मामले पर किसी जल्दबाजी की जरूरत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी के 2014 लोकसभा चुनाव के बाबत जारी किए घोषणा पत्र में और 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में राम मंदिर बनवाना प्रमुख मुद्दों में से एक था। लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 सिर पर आने के बाद भी राम मंदिर को लेकर कोई निर्णायक फैसला ना होना, बीजेपी के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी अब चुनावी फायदे के लिए राम मंदिर का मामला उठा रही है। जबकि असल में बीजेपी जानबूझकर राम मंदिर नहीं बनने देना चाहती क्योंकि आगे चुनावों में भी इस मसले को भुनाया जा सके।