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राम मंदिर ट्रस्ट: 15 ट्रस्टियों में दलित कारसेवक कामेश्वर चौपाल भी शामिल, 1989 में मंदिर निर्माण के लिए रखी थी पहली शिला

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: February 6, 2020 04:58 IST

सीएम योगी ने ट्वीट किया, ''आज का दिन ऐतिहासिक है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की पहली शिला दलित समाज के श्री कामेश्वर चौपाल जी ने रखी थी। 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट के 15 सदस्यों में भी एक सदैव दलित समाज से होगा। इस निर्णय के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आभार।''

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ठळक मुद्देअयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 15 सदस्यीय ट्रस्ट का गठन हो चुका है। इसे 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नाम दिया गया है।इस ट्रस्ट के सदस्यों में एक नाम दलित कार सेवक कामेश्वर चौपाल का भी है।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 15 सदस्यीय ट्रस्ट का गठन हो चुका है। इसे 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नाम दिया गया है। बुधवार (5 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ट्रस्ट के बारे में घोषणा की। इस ट्रस्ट के सदस्यों में एक नाम दलित कार सेवक कामेश्वर चौपाल का भी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर बताया कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की पहली शिला दलित समाज के श्री कामेश्वर चौपाल जी ने रखी थी। 

सीएम योगी ने ट्वीट किया, ''आज का दिन ऐतिहासिक है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की पहली शिला दलित समाज के श्री कामेश्वर चौपाल जी ने रखी थी। 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट के 15 सदस्यों में भी एक सदैव दलित समाज से होगा। इस निर्णय के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आभार।''

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कामेश्वर चौपाल ने 1989 में राम मंदिर निर्माण के लिए पहली शिला रखी थी। कामेश्वर चौपाल बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले हैं। सुपौल मिथला इलाके में है। श्री राम की पत्नी सीता जी मिथिला की थीं। इस नाते मिथिला में श्री राम को रिश्तेदार माना जाता है। ओपन मैग्जीन से एक बार कामेश्वर चौपाल ने कहा था, ''हम लोग जब बड़े हो रहे थे तो राम को अपना रिश्तेदार मानते थे।''  

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कामेश्वर चौपाल ने अपनी पढ़ाई मधुबनी जिले से की। पढ़ाई के दौरान यहीं से वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जुड़े। संघ से जुड़े उनके एक अध्यापक ने कॉलेज में प्रवेश के लिए कामेश्वर की मदद की थी। उसी दौरान वह संघ के संपर्क में आए थे। स्नातक की पढ़ाई के बाद वह पूरी तरह से संघ के प्रति समर्पित हो गए थे और मधुबनी जिले के प्रचारक बन गए थे। 

लेख में उन्होंने बताया था कि तमिलनाडु के मीनाक्षीपुरम में 800 दलितों द्वारा इस्लाम धर्म स्वीकार करने की घटना ने उन्हें राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पित कर दिया।

कामेश्वर चौपाल बिहार में दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे हैं। वह बिहार से श्री राम लोक संघर्ष समिति के प्रदेश संजोयक और बीजेपी के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं। 1991 में कामेश्वर राम विलास पासवान के खिलाफ चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए। 2014 में भी वह संसदीय चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें वैसी कामयाबी नहीं मिली। 

बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट के सदस्यों में कामेश्वर चौपाल के अलावा जो नाम शामिल हैं वे इस प्रकार है- वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण, जगदगुरु शंकराचार्य, ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज (इलाहाबाद), जगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज (उडुपी के पेजावर मठ से), युगपुरुष परमानंद जी महाराज (हरिद्वार), स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज (पुणे) और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या)।

इसके अतिरिक्त कुछ और न्यासी भी होंगे जिनके नाम हैं: अयोध्या से होम्योपैथिक चिकित्सक अनिल मिश्रा, और निर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक से महंत दिनेंद्र दास।

दो प्रमुख हिंदू नामित सदस्यों के नामों पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बहुमत से फैसला लेंगे। एक हिंदू प्रतिनिधि को केंद्र सरकार मनोनीत करेगी, जो आईएएस सेवा में कार्यरत होगा और भारत सरकार में संयुक्त सचिव स्तर या उससे नीचे के रैंक का नहीं होगा।

उक्त प्रतिनिधि पदेन होगा। एक हिंदू प्रतिनिधि को उत्तर प्रदेश सरकार मनोनीत करेगी। प्रतिनिधि ऐसा आईएएस अधिकारी होगा जो उत्तर प्रदेश सरकार में सचिव पद से नीचे के रैंक का न हो।

अयोध्या के जिला कलेक्टर इसके पदेन ट्रस्टी होंगे, जो हिंदू होंगे। यदि अयोध्या का जिला कलेक्टर हिंदू न हो तो अतिरिक्त कलेक्टर, जो हिंदू हो उसे पदेन सदस्य बनाया जाएगा। राम मंदिर परिसर के विकास एवं प्रशासन से संबंधित समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति न्यासी प्रतिनिधिमंडल करेगा। अध्यक्ष एक हिंदू होगा जो पदेन सदस्य भी होगा।

(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)

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