शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर 25 नवंबर को अयोध्या का दौरा करने जा रहे हैं। इस बीच राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बताया जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक पार्टियां राम मंदिर मुद्दे को भुनाना चाहती हैं। वहीं, हिन्दुत्व वादी संगठनों का कहना है कि 2019 से पहले राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।
इन सब के बीच केंद्र की मोदी सरकार में सहयोगी शिवसेना ने राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। शिवसेना से सांसद संजय राउत ने कहा, 'हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी, तो कानून बनाने में कितना टाइम लगता है? राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक बीजेपी की सरकार है।'
आगे उन्होंने कहा, 'राज्य सभा में ऐसे बहुत सांसद हैं जो राम मंदिर के साथ खड़े रहेंगे, जो विरोध करेगा उसका देश में घूमना मुश्किल होगा।'
संपादकीय में लिखा है, 'हमारे अयोध्या दौरे को लेकर खुद को हिंदुत्व समर्थक कहने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? हम राजनीतिक मकसद से वहां नहीं जा रहे हैं।' शिवसेना ने दावा किया कि उसने 'चलो अयोध्या' का नारा नहीं दिया है। अयोध्या किसी की निजी जगह नहीं है। शिवसैनिक वहां भगवान राम के दर्शन करने जा रहे हैं।'
संपादकीय में ये भी कहा गया है, 'अयोध्या में अब रामराज नहीं सुप्रीम कोर्ट का राज है। 1992 में बालासाहेब के शिवसैनिकों ने रामजन्मभूमि में बाबर राज को तबाह कर दिया था। फिर भी सत्ता में बैठे लोग उन शिवसैनिकों पर गर्व करने के बजाय उनसे डर और जलन महसूस कर रहे हैं। अयोध्या जा रहे शिवसैनिकों पर तोहमत लगाने की जगह सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तारीख बताकर संदेह खत्म करना चाहिए।'
संपादकीय में कहा गया है, 'आप राम मंदिर के निर्माण की तारीख क्यों तय नहीं कर रहे हैं? अगर मंदिर निर्माण का मु्द्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोजी-रोटी के अलावा कई लोगों की जुबान बंद हो जाएगी।'(समाचार ऐजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)