Ram Mandir Ayodhya: तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के प्रसारण पर लगाया 'प्रतिबंध', भाजपा पहुंची सुप्रीम कोर्ट
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 22, 2024 10:56 AM2024-01-22T10:56:52+5:302024-01-22T11:01:45+5:30
तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने कथिततौर पर राज्य में राम मंदिर समारोह के लाइव प्रसारण पर लगाई रोक, भाजपा इसके विरोध में पहुंची सुप्रीम कोर्ट।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम लला की 'प्राण-प्रतिष्ठा' (प्रतिष्ठा समारोह) के सीधे प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने वाले द्रमुक के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार के कथित आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा द्वारा दायर याचिका पर शीर्ष अदालत में आज सुबह 10:30 बजे सुनवाई हो रही है। तमिलनाडु भाजपा के सचिव विनोज पी सेल्वम का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील जी बालाजी ने यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है।
बताया जा रहा है कि याचिका में भाजपा की ओर से कहा गया है, "यह शीर्ष अदालत के सामने सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि द्रमुक राजनीतिक दल द्वारा संचालित तमिलनाडु की राज्य सरकार ने राज्य के सभी मंदिरों में अयोध्या में भगवान राम की 'प्राण प्रतिष्ठा' के शुभ अवसर के सीधे प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है।"
याचिका में यह भी कहा गा है कि स्टालिन सरकार ने इस शुभ अवसर पर सभी प्रकार की पूजा, अर्चना और अन्नदानम (गरीब भोजन) भजन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार द्वारा पुलिस अधिकारियों के माध्यम से ऐसा मनमाना कार्य किया जा रहा है, जो प्रयोग संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
मालूम हो कि बीते रविवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि तमिलनाडु से ऐसी कई रिपोर्टें मिल रही हैं जिनमें आरोप लगाया गया है कि एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने सोमवार को अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की लाइव स्ट्रीमिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है।