Ram Mandir Ayodhya: "अयोध्या भाजपा के लिए राजनीति का और कांग्रेस के लिए आस्था का विषय है", प्रमोद तिवारी ने पार्टी द्वारा समारोह निमंत्रण ठुकराने पर कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 15, 2024 02:04 PM2024-01-15T14:04:38+5:302024-01-15T14:11:12+5:30

राम मंदिर समारोह में उपजे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कांग्रेस के लिए भगवान राम और अयोध्या आस्था का विषय है और भाजपा के लिए राजनीति का मुद्दा है।

Ram Mandir Ayodhya: "Ayodhya is a matter of politics for BJP and faith for Congress", Pramod Tiwari said after the party rejected the invitation to the function | Ram Mandir Ayodhya: "अयोध्या भाजपा के लिए राजनीति का और कांग्रेस के लिए आस्था का विषय है", प्रमोद तिवारी ने पार्टी द्वारा समारोह निमंत्रण ठुकराने पर कहा

फाइल फोटो

Highlightsराम मंदिर समारोह में उपजे विवाद पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने व्यक्त की प्रतिक्रियाप्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के लिए भगवान राम और अयोध्या आस्था का विषय हैउन्होंने कहा कि भाजपा के लिए अयोध्या राजनीति का विषय है

नई दिल्ली:कांग्रेस द्वारा 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण ठुकराने के कुछ दिनों बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने सोमवार को कहा कि वे भगवान राम की पूजा करते हैं और अयोध्या उनके लिए "आस्था का विषय" है।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल घटक दलों द्वारा 22 जनवरी को तय राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण अस्वीकारने के बाद राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है।

वहीं बीते रविवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने इस संबंध में कहा, ''जिनमें राम के प्रति आस्था होगी और जो राम से प्रेम करते हैं, वे निमंत्रण मिलने पर जरूर आएंगे।''

भाजपा नेता अश्विनी चौबे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा के लिए अयोध्या राजनीति का विषय है और कांग्रेस के लिए यह आस्था का विषय है।

उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, "निमंत्रण बांटने वाले ये लोग कौन होते हैं? भाजपा निमंत्रण बांटने वालों की तरह व्यवहार क्यों कर रही है। वे रिकॉर्ड क्यों रख रहे हैं?"

प्रमोद तिवारी ने कहा, "पूरी कांग्रेस बिना निमंत्रण के अयोध्या जा रही है। अयोध्या हमारे लिए आस्था का विषय है। हम भगवान राम की पूजा करते हैं।"

मालूम हो कि सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और कांग्रेस के कई बड़े नेता मसलन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी पहले ही राम मंदिर समारोह का निमंत्रण ठुकरा चुके हैं।

वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को निमंत्रण ठुकराते हुए कहा कि वह बाद में अपने परिवार के साथ मंदिर जाएंगे।

इसके साथ ही विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर आगामी लोकसभा चुनावों में चुनावी लाभ के लिए राम मंदिर के "इस्तेमाल" का आरोप लगाया है। इसके उलट भाजपा सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रही है।

Web Title: Ram Mandir Ayodhya: "Ayodhya is a matter of politics for BJP and faith for Congress", Pramod Tiwari said after the party rejected the invitation to the function

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