Ram Mandir: 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा, अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की विशेषताएं, देखें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 4, 2024 10:50 AM2024-01-04T10:50:21+5:302024-01-04T11:46:06+5:30
Ram Mandir Inauguration: राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा अक्षत वितरण कार्यक्रम अयोध्या के वाल्मीकि मोहल्ले से प्रारंभ हो गया, जो 15 जनवरी तक चलता रहेगा।
त्रियुग नारायण तिवारी, अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर की तैयारी जोरों पर हैं। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में एक समारोह में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मंदिर के निर्माण का पहला चरण अब पूरा हो गया है। वर्ष 1949 से, श्रद्धालु रामलला की प्रतिमा वाले अस्थायी मंदिर में पूजा-अर्चना करते रहे हैं।
इस मंदिर को भी मंदिर निर्माण के लिए स्थानांतरित कर दिया गया था, जो 2019 में उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद शुरू हुआ। शीर्ष अदालत ने अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद का निपटारा किया था। अब, ट्रस्ट के पदाधिकारियों का कहना है कि पुरानी प्रतिमा को उत्सवों के लिए परिसर में रखा जाएगा।
Features of Shri Ram Janmbhoomi Mandir
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 4, 2024
1. The Mandir is in the traditional Nagar style.
2. The Mandir has a length (east-west) of 380 feet, a width of 250 feet, and a height of 161 feet.
3. The Mandir is three-storied, with each floor being 20 feet tall. It has a total of 392… pic.twitter.com/Sp2BzzU5sv
तीन मूर्तिकारों ने अलग-अलग पत्थरों से भगवान की प्रतिमाएं तराशी हैं। उनमें से दो के लिए पत्थर कर्नाटक से आया था और तीसरी प्रतिमा राजस्थान से लाई गई चट्टान से बनाई जा रही थी। इन प्रतिमाओं को जयपुर के मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय और कर्नाटक के गणेश भट्ट और अरुण योगीराज ने तराशा है।
वाल्मीकि समाज के लोगों से निवेदन किया गया है कि वह 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन अपने घर और मंदिर में कार्यक्रम करें दीपावली मनाए पूजन पाठ करें और 22 जनवरी के बाद मंदिर में दर्शन के लिए कार्यक्रम के अनुसार पधारे। अक्षत देकर आम आदमी को निमंत्रित करने का काम किया जा रहा है।
आज के दिन से 15 जनवरी तक यह कार्यक्रम चलाया जाएगा और पूरे देश में 5 लाख गांव में वितरण किया जाएगा और 11 करोड लोगों के बीच अच्छत मंदिर मॉडल का चित्र तथा पंपलेट भी वितरित किए जाएंगे आज से अक्षत वितरण कार्यक्रम प्रारंभ हो गया है।
अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की विशेषताएं-
1. मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है।
2. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी।
3. मंदिर तीन मंजिला रहेगा। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार होंगे।
4. मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह), तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा।
5. मंदिर में 5 मंडप होंगे: नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप
6. खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं।
7. मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से, 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा।
8. दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी।
9. मंदिर के चारों ओर चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट होगी।
10. परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा, व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा।
11. मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा।
12. मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे।
13. दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है एवं तथा वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है।
14. मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है।
15. मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है। इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है।
16. मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है।
17. मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है, ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे।
18. 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र (Pilgrims Facility Centre) का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर व चिकित्सा की सुविधा रहेगी।
19. मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी।
20. मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70% क्षेत्र सदा हरित रहेगा !!