राम गोपाल यादव ने कहा- सरकार जब लक्ष्मण रेखा पार की है, तो OBC को भी मिलना चाहिए 54% आरक्षण
By धीरज पाल | Published: January 8, 2019 02:51 PM2019-01-08T14:51:28+5:302019-01-08T15:06:22+5:30
लोकसभा चुनाव से पहले सवर्ण जातियों को 10 फीसदी आरक्षण बिल पारित कराने के लिए मोदी सरकार ससंद में पेश कर दिया है। वहीं, मोदी सरकार के इस फैसले को कांग्रेस सहित सभी पार्टियां समर्थन कर रही है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव ने सवर्ण जाति के आरक्षण का समर्थन करते हुए ओबीसी के आरक्षण के मांग की है।
राम गोपाल यादव ने कहा है कि ओबीसी के लिए भी आबादी के हिसाब से आरक्षण होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सरकार 50 फीसदी रिजर्वेशन लिमिट पार कर रही है यानी लक्ष्मण रेखा को पार कर रही है तो ओबीसी का उनकी आबादी के हिसाब से 54% आरक्षण होना चाहिए।
Ram Gopal Yadav, SP: OBC ke liye bhi aabadi ke hisaab se aarakshan hona chahiye tha, sarkar is laxman rekha (50% reservation limit) ko paar kar rahi hai, to OBC ka unki aabadi ke hisaab se 54% aarakshan hona chahiye, ye jo aarakshan la rahe hain hum is faisle ka swagat karte hai. pic.twitter.com/dCDwl478eK
— ANI UP (@ANINewsUP) January 8, 2019
रामगोपाल यादव ने कहा कि ये जो आरक्षण ला रहे हैं हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। बता दें कि मोदी सरकार लोकसभा चुनावों से पहले गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने की मंजूरी दे दी। इसके बाद सरकार मंगलवार (8 जनवरी) को इस आदेश को मंजूरी दिलाने के लिए संविधान संशोधन विधेयक लेकर आई, जिसे लोकसभा में थावरचंद गहलोत ने पेश किया। अब इस विधेयक पर चर्चा होनी है।
अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में करने होंगे संशोधन
प्रस्तावित आरक्षण अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को मिल रहे आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के अतिरिक्त होगा, यानी ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर’’ तबकों के लिए आरक्षण लागू हो जाने पर यह आंकड़ा बढकर 60 फीसदी हो जाएगा।
इस प्रस्ताव पर अमल के लिए संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में जरूरी संशोधन करने होंगे।
एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विधेयक एक बार पारित हो जाने पर संविधान में संशोधन हो जाएगा और फिर सामान्य वर्गों के गरीबों को शिक्षा एवं नौकरियों में आरक्षण मिल सकेगा।