नई दिल्ली, 26 जुलाई: हाल ही में राजस्थान के अलवर में गाय तस्करी के आरोप में भीड़ ने रकबर खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस इस मामले पर अपनी तहकीकात में जुटी हुई है। जांच के दौरान ये बात सामने आई है कि रकबर ने गाय खरीदी ही नहीं थी। मॉब लिंचिंग के दौरान हिंसा का शिकार हुए रकबर के दोस्त असलम के बयान पुलिस ने गलत पाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रकबर और असलम ने अपने-अपने बयान में जिन परिवारों से गाय खरीदने की बात कही थी, उनमें से एक पास गाय ही नहीं है, जबकि दूसरे के पास मात्र एक गाय है। पुलिस जांच में दोनों ही परिवार ने ये बताया है कि उन्हें कोई गाय नहीं बेची है। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि घटनास्थल से बरामद दोनों ही गाय दुधारू भी नहीं है।
पुलिस एफआईआर में दर्ज बयान के अनुसार मरने से पहले रकबर ने बताया था कि वह बडौदामेव के लाडपुरा गांव से गाय खरीद कर पैदल ही जंगल के रास्ते हरियाणा स्थित अपने गांव ले जा रहे थे। रकबर के दोस्त और मॉब लिंचिंग के शिकार उसके दोस्त ने असलम ने भी यही बयान दिया था।
गौरतलब है कि 20 जुलाई की रात रकबर उनके साथ अन्य शख्स दो गायों को अलवर से अपने घर हरियाणा के कोलेगांव लेकर जा रहा था। लेकिन रास्ते में भीड़ ने उन्हें घेर लिया और गौकशी के शक में उन्हें पीटना शुरू कर दिया।इस बीच एक शख्स भागने में कामयाब रहा लेकिन अकबर खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
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