नए संसद भवन में राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही आधे घंटे के लिए तो लोकसभा की कार्यवाही 20 सितंबर तक के लिए स्थगित
By अनिल शर्मा | Published: September 19, 2023 02:54 PM2023-09-19T14:54:08+5:302023-09-19T14:57:53+5:30
नये संसद भवन में उच्च सदन की पहली बैठक की शुरुआत राष्ट्रगान की धुन बजाये जाने के साथ हुई। इसके उपरांत सभापति जगदीप धनखड़ ने घोषणा की कि वह सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर रहे हैं।

नए संसद भवन में राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही आधे घंटे के लिए तो लोकसभा की कार्यवाही 20 सितंबर तक के लिए स्थगित
नयी दिल्लीः राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को संसद के नये भवन में शुरू होने के कुछ ही पलों बाद आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी। वहीं लोकसभा की कार्यवाही 20 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई। नये संसद भवन में उच्च सदन की पहली बैठक की शुरुआत राष्ट्रगान की धुन बजाये जाने के साथ हुई। इसके उपरांत सभापति जगदीप धनखड़ ने घोषणा की कि वह सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर रहे हैं।
धनखड़ ने कहा कि किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर उन्हें विभिन्न दलों के नेताओं के साथ विचार विमर्श करना है। इसके बाद सदन की बैठक को अपराह्न दो बजकर 47 मिनट तक के लिए स्थगित कर दिया गया। नये संसद भवन में उच्च सदन की बैठक आज अपराह्न सवा दो बजे शुरू हुई।
सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक नारीशक्ति वंदन विधेयक को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया। विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल ने विपक्ष के शोर-शराबे के विपक्ष संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। नये संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है।
यह बिल महिला सशक्तिकरण के संबंध में है। इसके माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 239AA में संशोधन करके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) दिल्ली में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित की जाएंगी। अनुच्छेद 330A लोक सभा में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों का आरक्षण है: केंद्रीय… pic.twitter.com/6mtQZvmimU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 19, 2023
मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह विधेयक महिला सशक्तीकरण से संबंधित विधेयक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या (82) बढ़कर 181 हो जाएगी। इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा।
गौरतलब है कि लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार को नये संसद भवन में आरंभ हुई और इसके साथ ही भारत के संसदीय इतिहास में एक नया अध्याय शुरू हुआ। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों- अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी तथा अन्य नेताओं के साथ पुरानी इमारत से निकलकर नए संसद भवन में पहुंचे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही के पहले दिन की शुरुआत करते हुए सदस्यों से आग्रह किया कि वे लोगों के मुद्दे उठाकर संसदीय बहस का एक नया मानक स्थापित करें। उन्होंने गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं भी दीं और नये संसद भवन के निर्माण की पहल को एक ऐतिहासिक घटना करार दिया। बिरला ने उन नेताओं को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दिया है और भारत को अपना संविधान दिया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संसद के पुराने भवन को ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाएगा।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री ने 28 मई को नये संसद भवन का उद्घाटन किया था। इस भवन में वैदिक काल से लेकर आज तक की भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं का वर्णन करने वाली कलाकृतियां स्थापित की गई हैं।