भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल बुधवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। वित्तमंत्री का प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने कहा है कि कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए देश छोड़कर भागने के मामले बढ़ रहे हैं, जिन पर रोक लगना बेहद जरूरी है। ऐसे में देश हित में इस समस्या से निपटने के लिए जो कानून फिलहाल मौजूद है वो सख्त नहीं है। ऐसे में क्रिमिनल लॉ में भगोड़े अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार नहीं है।
अब इस तरह के भगोड़ों से निपटने में नया बिल प्रभावी साबित होगा। बीते गुरुवार को लोकसभा में भगोड़ो पर नकैल कसने वाले इस बिल को मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद अब इस बिल को राज्यसभा में भी मंजूरी दे दी गई है। इस बिल के आधार पर अब विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों की देश-विदेश में संपत्तियां जब्त करना आसान हो जाएगा।
जानें क्या है ये बिल
इस बिल के फाइनेंशियल फ्रॉड कर रकम चुकाने से इनकार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आर्थिक अपराध में जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो उन पर एक्शन लिया जाएगा। 100 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया वाले बैंक लोन डिफॉल्टर्स पर कार्रवाई की जाएगी। भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्तियां बेचकर भी कर्ज देने वालों की भरपाई की जा सकेगी। इतना ही नहीं इस तरह के लोगों को आरोपी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर सकेगा। इसके लिए विशेष अदालत में याचिका देनी होगी। आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत देने होंगे।
पेश होने का समय
भगोड़े अपराधी को आवेदन मिलने के बाद स्पेशल कोर्ट आरोपी को 6 हफ्ते के अंदर पेश होने के लिए नोटिस जारी करेगा। अगर आरोपी तय जगह पर पेश हो जाता है तो कोर्ट भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल के तहत कार्रवाई नहीं करेगा।