राज्यसभा चुनाव 2018: UP में घर बचाने को मैदान में कूदे दिग्गज, 'डिनर डिप्लोमेसी' खेल रही हैं बीजेपी और सपा

By खबरीलाल जनार्दन | Updated: March 21, 2018 18:11 IST2018-03-21T18:11:04+5:302018-03-21T18:11:22+5:30

यूपी की सभी प्रमुख पार्टियों के दिग्गज अब खुलकर राज्यसभा चुनावों की गणित बिठाने में लग गए हैं। इसके लिए डिनर डिप्लोमेसी का सहारा लिया जा रहा है। जानिए, क्या है ये।

Rajya Sabha Elections 2018: BJP, SP and BSP is playing 'Dinner Diplomacy' | राज्यसभा चुनाव 2018: UP में घर बचाने को मैदान में कूदे दिग्गज, 'डिनर डिप्लोमेसी' खेल रही हैं बीजेपी और सपा

राज्यसभा चुनाव 2018: UP में घर बचाने को मैदान में कूदे दिग्गज, 'डिनर डिप्लोमेसी' खेल रही हैं बीजेपी और सपा

Highlightsभाजपा ने अपने विधायकों को राज्यसभा का वोट डालने की ट्रेनिंग दीभाजपा के सहयोगी और योगी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बागी तेवर से कल तक बसपा के पक्ष में बाजी दिख रही थीलेकिन दिल्ली में अमित शाह के साथ राजभर की भेंट और डिनर करने के बाद वह भाजपा के लिये वोट करने को तैयार हो गये है

लखनऊ, 21 मार्चः यूपी में राज्यसभा की दस सीटों के लिये शुक्रवार को होने वाले चुनाव में किसी भी स्तर पर चूक न हो, इसके लिए डिनर के बहाने विधायकों की फ्लोर टेस्टिंग का काम शुरू हो गया है। असंतोष या फिर अन्य कारणों से विधायक छिटकने की आशंका के चलते भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस अपना-अपना घर बचाने के जतन में जुटी हैं। योगी आदित्यनाथ ने जहां मुख्यमंत्री वाले सरकारी बंगले पर मंत्रियों और विधायकों की दावत दी वही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ के होटल ताज में अपने विधायकों की पहले बैठक की और फिर लजीज भोजन कराया। भाजपा ने तो अपने विधायकों को राज्यसभा का वोट डालने की ट्रेनिंग भी दी। उधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने घर पर विधायकों की मीटिंग कल 22 मार्च को बैठक रखी है।

योगी आदित्यनाथ के घर पर होने डिनर में सहयोगी पार्टियों सुहेलदेव समाज पार्टी और अपना दल के विधायको ने भी हिस्सा लिया है। गुजरात जैसी घटना न हो इसीलिए एमएलए को ट्रेनिंग भी दी गई कि अपना वोट कैसे करें। गुजरात के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के अहमद पटेल एक चूक की वजह से चुनाव जीत गए थे।

अखिलेश यादव की डिनर पार्टी में नहीं पहुंचे ये छह विधायक

इधर भोजन से पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की बैठ में सपा के 47 विधायकों में 6 के नही पहुँचने की खबर है। जिसमे शिवपाल यादव को बुलाया नहीं गया था और पिता नरेश अग्रवाल के भाजपा में जाने के कारण नितिन अग्रवाल को आना ही नहीं था। इसके अलावा हरिओम यादव जेल में हैं। डिनर डिप्लोमेसी से पहले तीन विधायकों  की गैर हाजिरी से विपक्ष की धड़कन बढ़ी। हालांकि शिवपाल का सपा प्रत्याशी को वोट करना तय है। गोरखपुर और फूलपुर में लोकसभा उपचुनावमें मिली जीत से समाजवादी पार्टी के हौसले बुलंद है तो भाजप इस बार कोई चूक करने के मूड में नहीं है। भाजपा की चिंता अपनी साख बचाने की है जबकि दूसरी तरफ अखिलेश यादव को फिक्र मायावती से किये वादे की है।

दिल्ली में अमित शाह के साथ ओमप्रकाश राजभर की भेंट ने बिगाड़ा बसपा का खेल

लोकसभा के उपचुनाव में बसपा ने समाजवादी पार्टी का समर्थन किया। बुआ मायावती के सहयोग से भतीजे अखिलेश की पार्टी ने गोरखपुर और फूलपुर सीट जीत ली थी। सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के इस्तीफे से यहां चुनाव हुए थे। अब बारी बसपा को अखिलेश के रिटर्न गिफ्ट देने की है। उन्नीस विधायकों वाली बसपा ने भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा का टिकट दे दिया है। चुनाव जीतने के लिए 37 एमएलए का वोट चाहिए। समाजवादी पार्टी के पास 47 विधायक हैं। जया बच्चन के बाद पार्टी के पास 10 विधायकों के वोट बच जाएंगे लेकिन यहीं भाजपा ने नौवां उम्मीदवार उतार कर पेंच फंसा दिया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत 8 नेता आसानी से चुन लिए जाएंगे। मामला अनिल अग्रवाल को लेकर फंसता नजर आ रहा है। भाजपा को 9 अतिरिक्त वोटों का जुगाड़ करना पड़ेगा। भाजपा के सहयोगी और योगी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बागी तेवर से कल तक बसपा के पक्ष में बाजी दिख रही थी लेकिन दिल्ली में अमित शाह के साथ राजभर की भेंट और डिनर करने के बाद वह भाजपा के लिये वोट करने को तैयार हो गये है। भाजपा के एक बड़े नेता बताते है कि "हमने इंतजाम कर लिया है, एसपी और बसपा के भी कुछ लोग हमारा साथ दे रहे हैं।

भाजपा को राज्यसभा में खेल बनाने के लिए 5 विधायकों की जरूरत

राज्यसभा चुनाव के ऐन पहले समाजवादी पार्टी नेता नरेश अग्रवाल को पार्टी में शामिल कर लिया गया।

नरेश अग्रवाल ने ऐलान किया कि समाजवादी पार्टी से विधायक उनका बेटा नितिन अग्रवाल भाजपा के उम्मीदवार को वोट करेगा। इससे समाजवादी पार्टी का एक वोट कम हो जाएगा।

इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों पर भी भाजपा की नजर है। ऐसे में भाजपा के पास कुल 32 विधायक हो जाएंगे। इस तरह सीट जीतने के लिए उसे महज 5 और विधायकों की जरूरत होगी।

(रिपोर्टः मीना-कमल/लोकमत समाचार)

Web Title: Rajya Sabha Elections 2018: BJP, SP and BSP is playing 'Dinner Diplomacy'

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