नई दिल्ली, 11 मार्चः इस महीने 23 तारीख को होने जा रहे राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी, तेलगू देशम पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रही हैं। रविवार को बीजेपी ने उत्तरखंड की सियासत में अच्छी पकड़ रखने वाले अनिल बलूनी पर दांव खेला है। आजेडी ने बिहार से मनोज झा और असफाक करीम पर दांव लगाया है। जबकि हाल ही एनडीए से अलग हुई टीडीपी ने आंध्र प्रदेश से रमेश कुमार और के. रविंद्र कुमार को मैदान में उतारा है।
टीडीपी के आंध्र प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कला वेंकट राव ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि वर्तमान सदस्य रमेश व तेदेपा लीगल सेल के सदस्य व वकील कुमार को पार्टी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के फैसले के बाद नामांकित किया गया है। नायडू ने अंतिम फैसला लेने से पहले तीन दिन तक पार्टी के दूसरे नेताओं के साथ सलाह-मशविरा किया था।
टीडीपी हाल ही में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होकर बड़ा कदम उठाया था। राज्यसभा चुनाव में इसका प्रभाव नजर आएगा। हालांकि पार्टी अंदरूनी संकट से भी जूझ रही है। क्योंकि पहले वर्ला रमैया उच्च सदन के टिकट की मांग कर रहे थे। कहा जा रहा था राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए नायडू ने उनका चयन किया है। उन्होंने उम्मीदवारों के नाम की अंतिम घोषणा से पहले मीडिया से कहा था कि 'हमारी पार्टी में पद बिना पैसा खर्च किए मिलता है।'
शुरू में, टीडीपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों को मैदान में उतारने पर विचार किया था। लेकिन, मोदी सरकार से अपने दोनों मंत्रियों को बाहर निकालने के बाद के बदले राजनीतिक माहौल के मद्देनजर टीडीपी ने दो को ही उतारने का फैसला किया।
अप्रैल में रिटायर हो रहे हैं 58 राज्यसभा सांसद
2014 के आम चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा कायम हो गया। लेकिन राज्यसभा में विधेयक पारित कराने के लिए उसे अभी भी विपक्ष के गतिरोध का सामना पड़ता था। राज्यसभा में अप्रैल के बाद संख्या के खेल और किसी भी सरकारी विधेयक को रोकने के मामले में विपक्ष की धार कुंद हो सकती है। इस मामले में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए मजबूत स्थिति में हो सकता है। अप्रैल में राज्यसभा के 58 सांसद सेवानिवृत्त हो रहे हैं जिसमें 30 विपक्षी खेमे के हैं और 24 एनडीए के हैं।
राज्यसभा की वर्तमान स्थिति
सदन के 233 निर्वाचित सदस्यों में से कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष के 123 सांसद हैं। जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के 83 सदस्य हैं। इसके अलावा चार निर्दलीय सदस्य भी हैं, जो बीजेपी के समर्थक हैं। निर्दलीय समर्थकों में राजीव चंद्रशेखर, सुभाष चंद्रा, संजय दत्तात्रेय काकाडे और अमर सिंह हैं।
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के राज्यसभा में 13 सदस्य हैं, वे भी एनडीए के साथ हैं। कुल जोड़ करें तो संसद के ऊपरी सदन में एनडीए के समर्थन में 100 सदस्य हैं। फिलहाल राज्यसभा में सरकार को कई विधेयकों पर गतिरोध का सामना करना पड़ता था। इसका हालिया उदाहरण तीन तलाक विधेयक है जिसे लोकसभा में पारित किए जाने के बाद राज्यसभा में रोक दिया गया था।