राज्यसभा में 15 साल बाद हुआ कुछ ऐसा, बन गया रिकॉर्ड
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 3, 2018 09:25 AM2018-01-03T09:25:08+5:302018-01-03T09:32:26+5:30
शून्यकाल में भी कामकाज का एजेंडा पूरा होने पर सभापति ने कहा कि सदन में शून्यकाल में काम निपटाने का रिकार्ड बन गया है।
संसद के शीत सत्र की शुरुआत भले ही हंगामे से हुई, लेकिन राज्यसभा में मंगलवार को जमकर कामकाज हुआ और एक नया रिकॉर्ड बन गया है। करीब 15 साल बाद यह पहला मौका था जब प्रश्नकाल में सांसदों के सभी तारांकित सवालों को निपटाया गया हो। करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा सासंदों को शून्यकाल नें अपनी बात करने का मौका मिला। नियमों के हिसाब से सभापति वेंकैया नायडू की सदन संचालन में काम के सही तरीके कारण इतने सालों बाद से रिकॉर्ड बन पाया।
हर बार सदन के अंदर शोरगुल होने के कारण सांसद अपनी बात नहीं रख पाते हैं, मगर इस बार वैंकया नायडू के द्वारा नियमों पर सख्ती होने के कारण से प्रश्नकाल में 15 साल में पहली बार सभी 15 तारांकित सवालों को निपटाने में कामयाबी मिली है।
2002 के बाद बना रिकॉर्ड
2002 में राज्यसभा के 197वें सत्र के दौरान यह नजारा देखने को मिला था जब सभी मौखिक सवालों के जवाब सदन के अंदर दिए गए थे। मंगलवार को उच्च सदन में तारांकित सवालों के निपटान की एक वजह आधे सांसदों की सदन में गैरमौजूदगी रही। जिन 20 सांसदों के नाम सवालों से जुड़े थे उनमें 10 प्रश्नकाल के दौरान अनुपस्थित थे।
जबकि प्रश्नकाल शुरू होने पर तारांकित प्रश्न पूछने वाले आधा दर्जन से ज्यादा सांसदों की अनुपस्थित पर सभापति वैंकया नायडू ने खुद आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि इस अनुपस्थिति पर वे कोई सवाल नहीं खड़ा कर रहे। मगर यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि सांसद के सवाल का जवाब तैयार करने में संसाधन और समय दोनों लगता है। ऐसे में सवाल पूछकर अनुपस्थित रहना अच्छा संदेश नहीं देता।
सांसदो को दिया श्रेय
खुद सभापति वैंकया नायडू ने प्रश्नकाल खत्म के बाद रिकॉर्ड बनाने के लिए सभी सदस्यों के लिए बधाई दी और इसका श्रेय सांसदों को दिया। उन्होंने कहा कि सांसदों के सहयोग की वजह से ही प्रश्नकाल और शून्यकाल में कामकाज निपटाने का रिकार्ड बना है। शून्यकाल में भी कामकाज का एजेंडा पूरा होने पर सभापति ने कहा कि सदन में शून्यकाल में काम निपटाने का रिकार्ड बन गया है।