राजस्थान चुनावः गोत्र-जाति पर बयानबाजी जारी, पीएम ने कहा- चेले-चपाटे भी अब पूछे रहे हैं मोदी की जाति
By प्रदीप द्विवेदी | Published: November 28, 2018 01:55 PM2018-11-28T13:55:06+5:302018-11-28T13:55:06+5:30
राजस्थान में सात दिसंबर, 2018 को मतदान होगा। चुनाव परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान के नागौर में बुधवार को जनसभा को संबोधित किया।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बेतुके बयानों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, लेकिन ऐसे बेतुके बयानों की व्याख्या करके सियासी हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के मामले में भाजपा, कांग्रेस पर भारी पड़ती नजर आ रही है, जबकि ऐसे विवादास्पद बयान दोनों सियासी दलों के नेता दे रहे हैं।
पीएम मोदी की जाति पर बयानबाजी को लेकर बीजेपी खफा
पीएम मोदी की जाति को लेकर बयान के बाद यह मुद्दा भाजपा की ओर से जोरशोर से उठाया गया, खुद पीएम मोदी ने कांग्रेस पर इमोशनल अटैक के लिए इसका इस्तेमाल किया, किन्तु जाति से भी आगे राहुल गांधी के गोत्र पर भाजपा नेताओं के बयान आते रहे हैं, यह बात अलग है कि कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा नहीं बना सकी।
पीएम मोदी ने कहा- मेरी पिता की जाति का चुनाव से क्या लेना देना
चुनाव प्रचार में इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा जाति और गोत्र को लेकर हो रही है। कांग्रेस नेता ने पीएम नरेंद्र मोदी की जाति पर टिपप्णी की, तो पीएम मोदी ने इस मुद्दे को पकड़ लिया और विभिन्न सभाओं में कहा कि- नामदार और उनके चेले-चपाटे पूछ रहे हैं कि मोदी की जाति क्या है? हिंदुस्तान का पीएम अगर अमेरिका जाता है तो क्या राष्ट्रपति पूछेंगे कि आपकी जाति क्या है? मोदी की जाति चुनाव का मुद्दा है क्या? मोदी के पिता की बात उनको शोभा देती है क्या?
राहुल गांधी की गोत्र पर उठा बवाल
लेकिन, जाति से भी आगे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गोत्र पर लंबे समय से सवाल उठाए जा रहे हैं।
हालांकि, जब राजस्थान यात्रा के दौरान गांधी पुष्कर में जगतपिता ब्रह्मा-मंदिर गए, तो वहां दर्शन के दौरान उन्होंने अपने गोत्र का खुलासा कर दिया। वहां के पुजारी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से उनका गोत्र पूछा तो राहुल ने बताया कि वे- कौल (कश्मीरी) ब्राह्मण हैं और दत्तात्रेय उनका गोत्र है।
दरअसल, जहां कांग्रेस की कोशिश है कि वह धर्मनिरपेक्ष इमेज बनाए रखते हुए साफ्ट हिन्दुओं पर पकड़ बनाए, वहीं भाजपा 2013 में जुड़े नए हिन्दू मतदाताओं को अपने साथ बनाए रखना चाहती है, इसीलिए राहुल के देवदर्शन और उनके ब्राह्मण होने पर लगातार निशाना साधती रही है।
जनता दोनों पक्षों के भाषण सुन रही है, गतिविधियां देख रही है और मतदान का इंतजार कर रही है। चुनाव परिणाम में ही यह साफ होगा कि कौन जनता को विश्वास दिलाने में कामयाब रहा?