देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समान नागरिक संहिता का जिक्र किया और कहा कि इस पर हो रहा विवाद बेवजह है। रक्षा मंत्री ने कहा, "यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड हमारे देश के संविधान का हिस्सा है। इस पर विवाद क्यों? गोवा में यह पहले से ही लागू है। मैं बधाई देता हूँ मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी को जिन्होंने इस दिशा में पहल की है। अब विधि आयोग इस बारे में पूरे देश में राय ले रहा है।"
आगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की प्रगति अब राम भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती, अब देश की प्रगति हमें पुरुषार्थ से खुद करनी होगी। 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है। हम मजबूत डेमोक्रेसी लाना चाहते हैं। अब यहां धर्म और जात के आधार पर काम नहीं होता। ये स्वर्णिम भारत है। हम भारत का केवल आर्थिक विकास नहीं करना चाहते बल्कि सामाजिक विकास भी करना चाहते हैं। हम समाज के सभी वर्गों के बीच सामाजिक सौहार्द चाहते हैं। हम पूरे समाज को साथ लेकर चलना चाहते हैं। कई बार आगे बढ़ते भारत को देख राष्ट्रविरोधी ताक़तें सक्रिय हो जाती हैं। उनसे सावधान रहने की ज़रूरत है।
आत्मनिर्भर भारत का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री ने कहा, "रक्षा उत्पादन देश में एक लाख करोड़ के पार हो गया है। पहले रक्षा निर्यात एक हज़ार करोड़ से भी कम था अब निर्यात 16000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर है। जल्द ही देश में रक्षा निर्यात 20000 करोड़ रुपये के पार हो जायेगा। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार 2027 तक भारत पाँच ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।"
राज्य में चल रही विकास परियोजनाओं का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, उत्तराखण्ड में बुनियादी ढांचे के विकास पर भाजपा सरकारों का कितना बड़ा फोकस है उसका पता इसी बात से चलता है कि साल 2014 में उत्तराखण्ड में रेलवे का बजट था मात्र 200 करोड़ जो आज बढ़कर 5000 करोड़ रूपए हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखण्ड को नौ महत्वाकांक्षी परियोजनाएं दी है जिन्हें उन्होंने नवरत्न का नाम दिया है। इन नवरत्न परियोजनाओं पर आज काम तेजी से चल रहा है। उदाहरण के लिए ऋषिकेश-कर्ण प्रयास रेल परियोजना का काम चल रहा है। इसी तरह टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाईन का भी काम शुरू हो रहा है।