कर्नाटक के मंत्री एवं निर्दलीय विधायक एच. नागेश ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया और एच डी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेकर राज्य में सत्तारूढ़ जद(एस)-कांग्रेस की सरकार को एक और झटका दिया है। कर्नाटक में एच डी कुमारस्वामी सरकार पर संकट का मामला आज (8 जुलाई) लोकसभा में भी उठा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा ‘शिकारी पार्टी’ है। लोकसभा में पार्टी के नेता चौधरी ने संसद भवन में परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम संसद में कर्नाटक का मुद्दा उठाएंगे। यह स्पष्ट है कि भाजपा एक शिकारी पार्टी है।’’ पार्टी ने लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव भी दे रखा है।
अधीर रंजन चौधरी के आरोपों को जवाब देते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ किया कि कर्नाटक में जो कुछ भी हो रहा है, उससे बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है। राजनाथ सिंह ने कहा है कि हमने कभी भी इस तरह से किसी पर दवाब नहीं बनाया है। राजनाथ ने कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बहाने राहुल गांधी पर तंज भी कसा और कहा इस्तीफे की शुरुआत तो राहुल गांधी ने ही की है। जब राजनाथ सिंह राहुल पर तंज कस रहे थे तब वायनाड के सांसद सदन में मौजूद थे।
राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमारा इतिहास रहा है कि किसी प्रकार का प्रलोभन देकर हमने दल-बदल कराने की कोशिश नहीं की है। संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने के लिए हमलोग पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।'
कर्नाटक विधानसभा के 13 विधायकों ने पिछले कुछ दिनों में इस्तीफा दिया है। इनमें से 10 विधायक कांग्रेस के हैं, जबकि 3 विधायक जद (एस) के हैं । गत शनिवार को इस्तीफा देने वाले 11 विधायकों में से कई विधायक मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं।
नागेश के अपना समर्थन वापस ले लेने के बाद विधानसभा में अध्यक्ष के अलावा जद(एस)-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के कुल 117 सदस्य (कांग्रेस-78, जद (एस)-37, बसपा-1 और निर्दलीय- 1) हैं। सदन में भाजपा के 105 सदस्य हैं जहां बहुमत के लिए 113 का आंकड़ा होना चाहिए। अगर विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होते हैं तो गठबंधन के सदस्यों की संख्या घट कर 104 पर पहुंच जाएगी।