जन्मदिन विशेषः राजनाथ सिंह के इन 10 बयानों में झलकती है उनकी शख्सियत की तस्वीर
By आदित्य द्विवेदी | Published: July 10, 2018 07:33 AM2018-07-10T07:33:36+5:302018-07-10T07:33:36+5:30
कॉलेज में फिजिक्स के लेक्चरर से देश के गृहमंत्री बनने तक, राजनाथ सिंह ने भारतीय राजनीति का एक लंबा दौर जिया है।
'मैं इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं'
ये एक ऐसा बयान है जिसके जरिए बीजेपी के कद्दावर नेता और देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाता है। कहा जाता है कि किसी भी घटना के बाद गृहमंत्री की कड़ी निंदा का बयान जरूर आता है। यह उनके व्यक्तित्व का सिर्फ एक पक्ष हो सकता है। राजनाथ सिंह ने कॉलेज लेक्चरर से लेकर देश के गृहमंत्री तक का एक लंबा रास्ता तय किया है। पढ़िए इस राजनीतिक यात्रा में उनके कुछ ऐसे बयान जो विभिन्न मुद्दों पर उनकी राय शख्सियत की झलक पेश करते हैं। आज उनका 67वां जन्मदिन है।
राजनाथ सिंह के बयानः-
- स्वस्थ लोकतंत्र में प्रमुख अंग विपक्ष की अहम भूमिका है, हम उसका सम्मान करते हैं।
- भारत के मान, सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा के लिए जो कुछ भी करना पड़ेगा वो हम करेंगे। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।
- सरकार पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते चाहती है लेकिन हुर्रियत से कोई बातचीत नहीं होगी। देशविरोधी लोगो से कोई बात नहीं की जाएगी
- मनुष्य की संतुष्टि का संबंध खुशहाली से है और वह खुशहाली योग के जरिए हासिल की जा सकती है।
- इस देश ने सदैव सभी कौम को पनाह दी है और उसकी रक्षा की है। देश की आन – बान – शान पर कोई आँच न आने पाए।
- इतिहास को सही संदर्भों में पेश किया जाना चाहिए ताकि मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप को अधिक तरजीह मिल सके। इतिहासकार ‘अकबर द ग्रेट’ कहें, इस पर हमें कोई एतराज नहीं है लेकिन ‘प्रताप द ग्रेट’ क्यों नहीं?
- सरकार हिंदी और ऊर्दू सहित सभी भारतीय भाषाओँ को प्रोत्साहित कर रही है। संस्कृत सभी भारतीय भाषाओँ की माँ है और सभी भाषाएँ परस्पर बहनें हुईं।
- भारत अपनी परमाणु क्षमता का उपयोग शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए करने को प्रतिबद्ध है।
- आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती है। इसका कोई मूल्य नहीं होता। कोई सिद्धांत नहीं होता। मानवता से शत्रुता ही इसका एकमात्र उद्देश्य है।
- चाहे हमें कितना ही प्रेशर बिल्ड अप बनाना हो, हम दाऊद को लाकर ही रहेंगे। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है। पाकिस्तान उसका पता लगाने और कानूनी प्रक्रिया शुरू करने में विफल रहा है। भारत उसे सौंपे जाने के बारे में सभी स्तरों पर दवाब बनाए हुए है।
यह भी पढ़ेंः- 'एक देश दो विधान दो प्रधान नहीं चलेंगे' नारे से श्यामाप्रसाद मुर्खजी ने कश्मीर में उठाई थी 370 के खिलाफ आवाज
राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई 1951 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के पुत्तूर गांव में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम बदन सिंह और माता का नाम गुजराती देवी था। उन्होंने गोरखपुर यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में मास्टर्स डिग्री हासिल की है। उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से साल 1964 से ही रहा है। वो मिर्जापुर के एक कॉलेज में लेक्चरर नियुक्त हुए उसके बाद 1974 में भारतीय जनसंघ के सचिव बनाए गए। यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई।
यह भी पढ़ेंः- राहुल गांधी ही नहीं इन पांच बड़े नेताओं पर भी लगाए गए 'नशेड़ी' होने के आरोप
राजनाथ सिंह के उल्लेखनीय कार्यः-
- 1992 में उत्तर प्रदेश के शिक्षामंत्री रहते हुए उन्होंने नकल विरोधी एक्ट पास किया। उस दौरान बोर्ड की परीक्षाओं में रिकॉर्ड संख्या में छात्र फेल हुए थे।
- अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में परिवहन मंत्री रहे राजनाथ सिंह ने उनके ड्रीम प्रोजेक्ट नेशनल हाइवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (एनएसडीपी) को पूरा करने में बड़ा योगदान दिया।
- राजनाथ सिंह अविभाजित उत्तर प्रदेश के आखिरी मुख्यमंत्री थे। उसके बाद उत्तराखंड का बंटवारा हो गया।
- भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए पहली बार दक्षिण भारत में बीजेपी की सरकार बनी।
- जब राजनाथ पार्टी अध्यक्ष थे उस वक्त बीजेपी संगठन में 33 प्रतिशत महिलाओं को पदाधिकारी बनाया गया।
- यूनाइटेड नेशन्स की जनरल असेंबली में राजनाथ सिंह ने हिंदी में भाषण दिया। इससे पहले सिर्फ अटल बिहारी वाजपेयी ने ऐसा किया था।
* ये सभी बयान राजनाथ सिंह की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए हैं।
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!