"उन्हें देश से सच्चाई नहीं छिपानी चाहिए...", सोनिया गांधी के पूर्व पीएम राजीव गांधी की उपलब्धियां गिनवाने पर बीजेपी ने कही ये बात
By अंजली चौहान | Published: August 21, 2023 09:18 AM2023-08-21T09:18:50+5:302023-08-21T09:39:35+5:30
21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिट्टे के आत्मघाती हमलावर ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी।
नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 79वीं जंयती है। इस मौके पर कांग्रेस सांसद और राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी ने उन्हें याद करते हुए उनकी उपलब्धियां गिनवाई।
25वें राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार समारोह में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, सोनिया गांधी ने कहा, "राजीव गांधी ने अपने छोटे से राजनीतिक करियर के दौरान असंख्य उपलब्धियां हासिल कीं जो बहुत ही क्रूर तरीके से समाप्त हुआ।"
सोनिया गांधी के बयानों के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रतिक्रिया देते कहा कि कांग्रेस को यह नहीं छुपाना चाहिए कि पूर्व पीएम के फैसलों ने भारत पर प्रतिकूल प्रभाव कैसे डाला।
दरअसल, सद्भावना पुरस्कार समारोह में सोनिया गांधी ने पूर्व पीएम को याद करते हुए कहा कि राजीव गांधी का राजनीतिक करियर क्रूर तरीके से समाप्त हो गया लेकिन उन्होंने उस कम समय में कई उपलब्धियां हासिल कीं। वे देश की विविधता के प्रति बहुत संवेदनशील थे। देश की सेवा के लिए उन्हें जो भी समय मिला, उन्होंने अनगिनत उपलब्धियां हासिल कीं।
वह महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित थे। उन्होंने पंचायत और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि अगर आज ग्रामीण और शहरी निकायों में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं, तो यह केवल राजीव गांधी की कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता के कारण है।
क्या बोले बीजेपी नेता
सोनिया गांधी के बयान पर सुधांशु त्रिवेदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम सोनिया गांधी जी के उस दर्द को भी समझ सकते हैं जो उन्हें राजीव गांधी जी की मृत्यु पर महसूस होता है। वह उनकी विरासत की प्रशंसा कर सकती हैं लेकिन उन्हें सच्चाई नहीं छिपानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश ने देखा है कि राजीव गांधी के फैसलों का भारत पर कितना प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। यह अल्पकालिक था, लेकिन देश को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। चाहे वह दिल्ली, यूपी या तमिलनाडु में सिखों की हत्या हो।
बता दें कि राजीव गांधी ने 1984 में अपनी मां और तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सबसे पुरानी पार्टी की कमान संभाली थी। 40 साल की उम्र में भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने।
हालांकि 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान आत्मघाती हमलावर में उनकी लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) द्वारा हत्या कर दी गई थी।