"राजीव गांधी ने असंख्य उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन उनका अंत बेहद क्रूर रहा", सोनिया गांधी ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 21, 2023 08:21 AM2023-08-21T08:21:07+5:302023-08-21T08:29:12+5:30
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने रविवार को दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के मौके पर उन्हें याद किया और उनकी उपलब्धियों की जमकर तारीफ की।
नई दिल्ली:कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने रविवार को दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के मौके पर उन्हें याद किया और उनकी उपलब्धियों की जमकर तारीफ की। सोनिया गांधी ने 25वें राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार समारोह में कहा कि राजीव गांधी ने अपने बेहद छोटे से राजनीतिक करियर के दौरान असंख्य उपलब्धियां हासिल कीं, जिसका समापन बेहद क्रूर तरीके से हुआ।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार सोनिया गांधी ने कार्यक्रम में कहा कि राजीव गांधी देश की विविधता के प्रति बहुत संवेदनशील थे। अपने छोटे से राजनीतिक जीवनकाल में राजीव को जितना भी समय देश सेवा के लिए मिला, उन्होंने अनगिनत उपलब्धियां हासिल कीं। वह महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित थे। उन्होंने पंचायत और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संघर्ष किया।
कांग्रेस नेता ने कहा, "अगर आज की तारीख में शहरी निकायों में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिलाएं प्रतिनिधि हैं, तो वह केवल राजीव गांधी की कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता का नतीजा है।"
वहीं भाजपा की ओर से सोनिया गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "कांग्रेस राजीव गांधी का महिमामंडन कर रही है लेकिन साथ में उन्हें यह यह सच्चाई भी नहीं छिपानी चाहिए कि किस तरह से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के फैसलों ने भारत पर प्रतिकूल प्रभाव डाला।"
राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “हम सोनिया गांधी जी के उस दर्द को भी समझ सकते हैं, जो उन्हें राजीव गांधी जी की मृत्यु पर महसूस होता है। वह उनकी विरासत की प्रशंसा कर सकती हैं लेकिन उन्हें सच्चाई नहीं छिपानी चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "इस देश ने देखा कि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए लिए गये फैसलों का भारत पर कितना प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। उनका समय अल्पकालिक था, लेकिन देश को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। फिर चाहे वह दिल्ली, यूपी या तमिलनाडु में सिखों की हुई हत्या हो।”
मालूम हो कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी साल 1984 में अपनी मां और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिख अंगरक्षकों द्वारा की गई हत्या के बाद कांग्रेस की कमान संभालने वाले सबसे युवा नेता बने थे। इतना ही नहीं उस दुखद घड़ी में राजीव गांधी ने 40 साल से भी कम उम्र में भारत के प्रधानमंत्री बनने की उपलब्धि भी हासिल की थी।
21 मई 1991 को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान श्रीलंका के आंतकी समूह लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) द्वारा एक आत्मघाती हमले में तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्या कर दी गई थी।