राजस्थान में गुर्जरों का आरक्षण आंदोलन फिर हुआ शुरू, 1 ट्रेन रद्द और 7 डायवर्ट
By स्वाति सिंह | Published: February 9, 2019 08:33 AM2019-02-09T08:33:47+5:302019-02-09T11:47:59+5:30
गुर्जर नेताओं ने शुक्रवार को मलारना डूंगर (सवाई माधोपुर) के पास चौहानपुरा मकसूदनपुरा में महापंचायत की। इसके बाद बैंसला अपने समर्थकों के साथ मलारना डूंगर के पास दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर बैठ गए।
राजस्थान में गुर्जरों ने आरक्षण की अपनी मांग को लेकर शुक्रवार को फिर से अपना आंदोलन शुरू कर दिया। इसके तहत गुर्जर नेता किरौड़ी सिंह बैंसला शुक्रवार शाम अपने समर्थकों के साथ सवाई माधोपुर में रेलपटरी पर बैठ गए।
इससे सवाई माधोपुर बयाना खंड पर कुछ रेलगाड़ियां प्रभावित हुई हैं। इस बीच, राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है जो गुर्जर नेताओं से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास करेगी।
गुर्जर नेताओं ने शुक्रवार को मलारना डूंगर (सवाई माधोपुर) के पास चौहानपुरा मकसूदनपुरा में महापंचायत की। इसके बाद बैंसला अपने समर्थकों के साथ मलारना डूंगर के पास दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर बैठ गए। पटरी पर बैठने के बाद बैंसला ने मीडिया से कहा कि यह आर पार की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपने वादे पर खरा उतरना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हालात बदल गए हैं, इस बार हम चूकेंगे नहीं।’’ गुर्जर नेता अपनी मांग के समर्थन में रेल व सड़क मार्गों को अवरुद्ध करने की चेतावनी दे चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य में गुर्जरों का आंदोलन का मुद्दा 14 साल से चल रहा है। गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गडरिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। इस समय अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है।
Rajasthan: Visuals from Malarna Dungar station in Maksudanpura village of Sawai Madhopur dist as reservation movement by Gujjar community in the state continues today.7 trains in Kota Division of Western Central Railway diverted, 1 cancelled, 3 short originated&1 short terminated pic.twitter.com/AAtdMFCJNl
— ANI (@ANI) February 9, 2019
सूत्रों ने बताया कि आंदोलन शुरू होते ही सक्रिय हुई सरकार ने मंत्रियों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। इसमें चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह व समाज कल्याण मंत्री भंवर लाल मेघवाल को शामिल किया गया है। इसमें कुछ आला अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। समिति आंदोलनकारियों से बातचीत कर समाधान निकालने की कोशिश करेगी।
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी। गहलोत ने कहा 'सरकार समाधान के लिए बेहद गंभीर है और राज्य सरकार के स्तर पर गंभीर प्रयास किया गया है, राज्य सरकार गुर्जर नेताओं से बातचीत करने को तैयार है।
कांग्रेस सरकार ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी। मेरी उनसे शांति बनाए रखने की अपील है।’’ गुर्जर आंदोलन का असर गुर्जर बहुल इलाकों से गुजरने वाली ट्रेन सेवाओं पर पड़ने लगा है। शुक्रवार शाम को निजामुद्दीन-बांद्रा, आंध्र लखनऊ अवध एक्सप्रेस व रतलाम-मथुरा ट्रेन सहित सात गाडियों के मार्ग में बदलाव किया गया है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे गुर्जर बहुल जिलों पर करीबी निगाह रखे हुए हैं। भरतपुर के पुलिस महानिरीक्षक भूपेंद्र साहू ने बताया कि रेंज में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की 17 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गयी हैं इनमें आरएसी की कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इलाके में पहले से ही तैनात रहे कुछ अनुभवी अधिकारियों को भी फौरी तौर पर बुलाया गया ताकि हालात पर नियंत्रण बनाए रखा जा सके।
(भाषा इनपुट के साथ)