Rajasthan Rajya Sabha Election: राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले हलचल तेज है। राज्य से राज्यसभा की चार सीटों के लिए अब कुल पांच प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें कांग्रेस के तीन, भाजपा का एक एवं एक निर्दलीय उम्मीदवार है। मतदान 10 जून को होगा।
कांग्रेस एवं उसके समर्थक विधायकों के उदयपुर पहुंचने का क्रम जारी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी एवं उसके समर्थक 80 से अधिक विधायक उदयपुर पहुंच चुके हैं। कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव से पहले अपने एवं समर्थक विधायकों को उदयपुर के एक होटल में ठहराने का फैसला किया है।
जयपुर से 40 से ज्यादा विधायकों को लेकर एक बस बीती रात ढाई बजे उदयपुर पहुंची। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार दिन में विमान से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पार्टी के राज्यसभा के उम्मीदवार प्रमोद तिवारी, विधायक बृजेन्द्र ओला, रमीला खड़िया, रोहित बोहरा, जोगिंदर सिंह अवाना, गुरमीत सिंह कुन्नर और नरेंद्र बुडानिया भी उदयपुर पहुंचे।
बहुजन समाज पार्टी की राजस्थान इकाई ने शनिवार को एक व्हिप जारी करके उन छह विधायकों को 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को अपना मत देने को कहा,जो पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव जीते थे लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
बसपा के प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने व्हिप जारी कर कहा कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा के चुनाव चिह्न पर जीतने वाले छह विधायक ‘‘पार्टी व्हिप से अनुसार काम करने के लिए बाध्य हैं।’’ इन छह विधायकों में राजेन्द्र गुढा, लाखन मीणा, दीपेन्द्र खेरिया, संदीप यादव, जोगिन्दर अवाना, और वाजिब अली शामिल हैं।
राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सिंह सुरजेवाला को मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया है। मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। भाजपा उनका समर्थन कर रही है।
संख्या बल के हिसाब से राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस अपने 108 विधायकों के साथ दो सीटें तथा भाजपा 71 विधायकों के साथ एक सीट आराम से जीत सकती है। दो सीटों के बाद कांग्रेस के पास 26 अधिशेष एवं भाजपा के पास 30 अधिशेष वोट होंगे। एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 41 वोट चाहिए। सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि सरकार का समर्थन कर रहे अन्य दलों के विधायकों व निर्दलीय विधायकों के समर्थन से वह तीसरी सीट जीत जाएगी।