राजस्थान लोकसेवा आयोग ने उस प्रोफेसर को इंटरव्यू बोर्ड में रखा, जिसकी गाइड से लिखित परीक्षा में पूछे गये थे 200 सवाल, अभ्यर्थी भड़के
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 22, 2022 06:33 PM2022-07-22T18:33:15+5:302022-07-22T22:36:25+5:30
राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर पद की नियुक्ति के लिए आयोजित इंटरव्यू में प्रोफेसर राम सिंह आढ़ा पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई है। छात्रों का कहना था कि आयोग ने राजनीति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए जिस लिखित परीक्षा का आयोजन किया था, उसमें प्रोफसर आढ़ा की गाइड से 200 प्रश्न पूछे गये थे।
अजमेर:राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित उच्च शिक्षा विभाग में राजनीति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाये हैं। इस मामले में अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग ने परीक्षा में पास होने के बाद आयोजित इंटरव्यू में उस प्रोफेसर को रखा था, जिनकी गाइड से परीक्षा में करीब 200 प्रश्न पूछे गये थे।
जानकारी के मुताबिक छात्रों को आयोग द्वारा इंटरव्यू बोर्ड में शामिल किये गये प्रोफेसर राम सिंह आढ़ा पर आपत्ति थी। छात्रों का कहना था कि आयोग ने राजनीति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए जिस लिखित परीक्षा का आयोजन किया था, उसमें प्रोफसर आढ़ा की गाइड से 200 प्रश्न पूछे गये थे।
अभ्यर्थियों का कहना है आयोग ने आखिर किस कारण प्रोफेसर आढ़ा को इंटरव्यू के आखिरी दिन इंटरव्यू बोर्ड में शामिल किया, जबकि लिखित परीक्षा में सबसे ज्यादा प्रश्न उनकी की गाइड से पूछे गये थे।
इसके साथ ही अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि इस मामले में जब आयोग से पूछताछ की गई तो उनकी ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र इसे सीधे तौर पर आयोग के भ्रष्टाचार से जोड़ रहे हैं और छात्रों का कहना है कि अगर आयोग ने उनकी शंकाओं का समाधान नहीं किया तो वो इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे।
वहीं कुछ अभ्यर्थियों ने इस मामले में सीधे तौर आयोग को धमकी देते हुए कहा कि अगर उन्हें इस विवाद में संतुष्ट नहीं किया जाता है तो वो आत्मदाह कर लेंगे।
जानकारी के मुताबिक राजस्थान लोकसेवा आयोग बीते 4 जुलाई से असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए लिखिक परीक्षा में सफल अभ्यर्थि इंटरव्यू दे रहे हैं। इसी क्रम में आयोग ने इंटरव्यू के आखिरी दिन आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा के बोर्ड में प्रोफेसर आढ़ा को बतौर एक्सपर्ट शामिल किया था।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग ने राजनीति विज्ञान में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 29 सितंबर 2021 को लिखित परीक्षा ली थी। जिसमें कुल 300 प्रश्न पूछे गये थे, जिसमें 200 प्रश्न अकेले प्रोफेसर आढ़ा की गाइड से पूछे गये थे। लिखित परीक्षा के बाद से ही अभ्यर्थि एक ही गाइड से इतने प्रश्न पूछे जाने पर आपत्ति जता रहे थे कि आयोग ने इंटरव्यू में प्रोफेसर आढ़ा को बतौर एक्सपर्ट बुलाकर अभ्यर्थियों के गुस्से को और भी भड़का दिया है।
जानकारी के मुताबिक जब छात्रों ने लिखित परीक्षा के समय एक ही गाइड से 200 सवाल पूछे जाने पर विरोध दर्ज कराया था तो आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डॉक्टर भूपेंद्र यादव ने उस मामले में आयोग के सदस्य रामू राम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी, जिसने उस मामले में प्रोफेसर आढ़ा को क्लीन चीट दे दी थी। लेकिन अब आयोग द्वारा प्रोफेसर आढ़ा को इंटरव्यू के लिए बुलाये जाने पर अभ्यर्थी बेहद नाराज हैं।