राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आगामी राज्यसभा चुनाव में जीत के प्रति आश्वत हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव दो महीने पहले आयोजित किए जा सकते थे, लेकिन इसे बिना किसी कारण के स्थगित कर दिया गया क्योंकि भाजपा का हॉर्स ट्रेडिंग पूरा नहीं हुआ था। गहलोत ने विधायकों की बैठक में कहा, हम एकजुट हैं। हमारे विधायकों का एक भी वोट राज्यसभा चुनाव में किसी और को नहीं जाएगा। कांग्रेस पार्टी के दोनों उम्मीदवार विजयी होंगे। उन्होंने कहा कि सीपीएम के दो विधायक चुनाव में कांग्रेस पार्टी का समर्थन करेंगे।
इससे पहले अशोक गहलोत और लगभग 100 कांग्रेसी एवं निर्दलीय विधायक बीती रात जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित एक रिजॉर्ट में रुके। राज्यसभा चुनावों से पहले पार्टी के विधायकों को बीजेपी द्वारा अपने पाले में करने के आरोपों के बीच यह कदम उठाया गया।
सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बताया कि गुरुवार रात को 8-10 विधायक व्यक्तिगत और स्वास्थ्य कारणों से रिजॉर्ट से लौट गए थे कि वे शुक्रवार को वापस आयेंगे। अन्य लगभग सभी 100 विधायकों ने बीती रात रिजॉर्ट में बिताई।
राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिये चुनाव 19 जून को होगा जिसके लिये कांग्रेस ने के सी वेणुगोपाल ओर नीरज डांगी को प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारा है वहीं भाजपा ने शुरूआत में राजेन्द्र गहलोत को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन पार्टी ने नामांकन के अंतिम दिन ओंकार सिंह लखावत को दूसरे प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतार कर सबको चौंका दिया।
200 सीटों की विधानसभा में कांग्रेस के पास पिछले साल बसपा पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों सहित 107 विधायक हैं। पार्टी को राज्य में 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है जबकि भाजपा के पास 72 विधायकों के साथ ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस के पास अपने दोनों उम्मीदवारों को जिताने के लिये पर्याप्त बहुमत है।