लॉकडाउन: राजस्थान में उठी शराब ठेके फिर खोलने की मांग, कई विधायक आए सामने

By भाषा | Published: May 1, 2020 02:24 PM2020-05-01T14:24:42+5:302020-05-01T14:24:42+5:30

शराब ठेकों को खोलने की मांग में पूर्व बीजेपी विधायक भी शामिल हैं. पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा है कि शराब या एल्कोहल से तो हम दिन में दस बार हाथ धोते हैं तो इससे कोई नुकसान नहीं है.

Rajasthan MLA seeks reopening of liquor shops, says alcohol can kill virus in throats | लॉकडाउन: राजस्थान में उठी शराब ठेके फिर खोलने की मांग, कई विधायक आए सामने

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsकांग्रेस विधायकों ने कहा है कि अवैध शराब की ब्रिकी शुरू हो गई है और शराब माफिया पनप रहे हैंराजस्थान सरकार ने 2020 -21 में आबकारी मद से 12500 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है

राजस्थान में लॉकडाउन के कारण लगभग एक महीने से बंद पड़े शराब ठेकों को फिर खोलने की मांग उठ रही है। इस तरह की मांग करने वालों में कांग्रेस और माकपा के दो विधायकों के साथ साथ भाजपा के एक पूर्व विधायक भी शामिल हैं। दो विधायको ने इसके बारे में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर के अनुसार, 'अगर कोरोना वायरस शराब या एल्कोहल से हाथ धोने से साफ हो सकता है तो पीने वाले के गले से वायरस भी साफ होगा।' उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में यह बात कही है। सिंह ने पीटीआई भाषा से कहा कि लॉकडाउन के कारण शराब की दुकानें बंद हैं और लोग अब अवैध ‘हथकढ़ शराब’ की ओर जा रहे हैं। हलैना गांव में हाल ही में कथित हथकढ़ शराब पीने के बाद दो युवकों की मौत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसके अलावा राज्य सरकार ने 2020 -21 में आबकारी मद से 12500 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है वह कैसे पूरा होगा।

उन्होंने कहा कि इन सभी बातों को केंद्र में रखकर ही उन्होंने शराब के ठेके खोलने की मांग रखी और इस बारे में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 22 मार्च से लॉकडाउन कर दिया था और तभी से राज्य में शराब की दुकानें, जिन्हें आम भाषा में ठेका कहा जाता है, बंद हैं।

इससे पहले भादरा से माकपा विधायक बलवान पूनियां ने भी इस बारे में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन के कारण शराब की बिक्री बंद होने से जहां राजस्व नुकसान हो रहा है वहीं हरियाणा से लगते सीमांत इलाकों अवैध शराब व स्प्रिट की बिक्री बढ़ रही है। इससे विशेषकर गरीब मजदूर तबके की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है। पूनिया ने कहा कि अवैध शराब बिकनी शुरू हो गयी है। शराब माफिया पनप रहा है जिसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को नियमों के तहत शराब की बिक्री पुन: शुरू करनी चाहिए।

भाजपा के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने शराब के ठेके खोलने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, अभी ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है कि शराब पीने से कोरोना वायरस फैलता है या बढ़ता है। अभी तक जो कोरोना वायरस संक्रमण से जो मौत हुईं उनमें से 80 प्रतिशत तो ऐसे हैं जिन्होंने कभी शराब को हाथ भी नहीं लगाया।

राजावत के अनुसार बंद करने का कोई तर्क समझ में नहीं आता। फिर सरकार का राजस्व लक्ष्य भी है। वह भी पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पान, बीड़ी, सिगरेट, गुटका, तंबाकू पर प्रतिबंध जारी रहना चाहिए। शराब या एल्कोहल से तो हम दिन में दस बार हाथ धोते हैं तो इससे कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने कहा कि मजदूर तबका अब जहरीली शराब पीने लग गया आने वाले समय में हालात और खराब हो सकते हैं। 

Web Title: Rajasthan MLA seeks reopening of liquor shops, says alcohol can kill virus in throats

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