राजस्थान विधानसभाः महामारी (संशोधन) विधेयक, 2020 सहित चार विधेयक आज ध्वनिमत से पारित, अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
By धीरेंद्र जैन | Published: November 3, 2020 10:14 PM2020-11-03T22:14:33+5:302020-11-03T22:16:01+5:30
राजस्थान महामारी (संशोधन) विधेयक, 2020, तथा सिविल प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित कर दिए।
जयपुरः राजस्थान विधानसभा ने सोमवार को राजस्थान महामारी (संशोधन) विधेयक, 2020, तथा सिविल प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित कर दिए।
इससे पहले विधि मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विधेयक को चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर सदन में हुई चर्चा के बाद विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों पर प्रकाश डालते हुए विधि मंत्री ने बताया कि कोविड -19 एक ऐसा संक्रामक रोग है जो पूरे देश में तेजी से पैर पसार रहा है।
महामारी को विनियमित कर इसकी प्रभावी रोकथाम हेतु राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 अधिनियमित किया था जिसकी धारा 4 यह उपबंधित करती है कि राज्य सरकार ऐसे अस्थायी विनिमय या आदेश विनिर्दिष्ट कर सकेगी, जिनका पालन महामारी के फैलाव को रोकने के लिए जनता द्वारा किया जाना है।
समूचे विश्व के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय के अनुसार मास्क ही इस महामारी के फैलाव को नियंत्रित कर लाखों का जीवन बचा सकता है। इसी विचार से लोक स्थान, लोक परिवहन, निजी परिवहन, कार्यस्थल या किसी भी सामाजिक, राजनीतिक, आम समारोह या जमाव में मास्क पहनना अनिवार्य किया जाना चाहिए और ऐसे स्थानों पर ऐसे व्यक्तियों के आवागमन को प्रतिषिद्ध किये जाने का विनिश्चय किया है, जिन्होंने मास्क नहीं पहन रखा है। इसीलिए राजस्थान महामारी (संशोधन) विधेयक, 2020, को ध्वनिमत से पारित किया गया।
इसी प्रकार सिविल प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक,2020 को लेकर विधि मंत्री ने बताया कि सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का केन्द्रीय अधिनियम सं. 5) की विद्यमान धारा 60 ऐसी सम्पत्ति, जो कि डिक्री के निष्पादन में कुर्क और विक्रय की जा सकेगी, के लिए उपबंध करती है । इस धारा का परंतुक कतिपय विशिष्ट वस्तुओं, जिन्हें कुर्क या विक्रय नहीं किया जा सकेेगा, के लिए उपबंध करता है।
राज्य के कृषकों के हितों और उनकी आजीविका का संरक्षण करने के लिए यह विनिश्चय किया गया है कि यदि निर्णीत-ऋणी कृषक है तो उसकी पांच एकड़ तक की कृषि भूमि को कुर्क या उसका विक्रय नहीं किया जा सकेगा। तद्नुसार सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 60 को संशोधित कर सिविल प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित किया गया।
कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारितजयपुर, 2 नवम्बर। राजस्थान विधानसभा ने सोमवार को कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020, ध्वनिमत से पारित कर दिया है।
राजस्थान विधानसभा ने आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित कर दिया है। इससे पहले ऊर्जा मंत्री बुलाकी दास कल्ला ने विधेयक को चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर चर्चा के बाद उसके उद्देश्यों व कारणों पर प्रकाश डालते हुए श्री कल्ला ने कहा कि इस अधिनियम में जो वर्ड एण्ड एक्सप्रेशन यूज किये गये है किन्तु परिभाषित नहीं किये गये है उनका अर्थ वही होगा जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 मे है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अधिनियम 5 जून 2020 से लागू किया गया है लेकिन हम इसे 5 जून 2020 से लागू नहीं करेंगे। बल्कि इसे किसानों एवं उपभोक्ताओं के व्यापक हित में राजस्थान ऐमनडेट्स के साथ उस तिथि को लागू करेंगे जो राज्य सरकार द्वारा जब भी नोटिफाई होगा तब लागू होगा।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्तमान में केन्द्रीय अधिनियम की धारा 3 आवश्यक वस्तु जिसमें खाद्य फसलें और सागसब्जी शामिल है, के प्रॉडेक्शन, सफलाई एण्ड डिस्ट्रीब्यूशन और ट्रेड एण्ड कॉमर्स को नियंत्रित करने के प्रावधान है जो कि आम जनता के लिए उचित कीमतों पर वितरण और उपलब्धता बनाये रखने के लिये किये जाते है।
अब केन्द्र सरकार ने धारा 3 में उपधारा (1ए) जोड़ी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अधिनियम में प्रावधान किया है कि छह कृषि खाद्य पदार्थो आलू और प्याज, अनाज, दालें, खाद्य तेल और तिलहन का विनियमन केवल चार परिस्थिति अर्थात युद्ध, अकाल, असाधारण कीमत वृद्धि और गंभीर प्राकृतिक आपदा होने पर ही किया जाएगा।