लॉकडाउन का असर: जयपुर में सब्जी बेचने को मजबूर हुआ आभूषण कारीगर

By भाषा | Updated: May 2, 2020 16:22 IST2020-05-02T16:22:25+5:302020-05-02T16:22:25+5:30

अंगूठी जैसे छोटे आभूषण बेचने वाले हुकमचंद सोनी ने कहा कि आभूषण निर्माता से सब्जी विक्रेता बनना कोई आसान निर्णय नहीं था लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं था।

Rajasthan Ki Khabar: Impact of lockdown, Jewelry artisans forced to sell vegetables in Jaipur | लॉकडाउन का असर: जयपुर में सब्जी बेचने को मजबूर हुआ आभूषण कारीगर

सांकेतिक तस्वीर

Highlightsआभूषण बेचने वाले हुकमचंद सोनी ने कहा कि घर पर खाली बैठे रहने से अच्छा है कि कुछ किया जाए, इसलिए सब्जी बेचने लगा। अब हुकमचंद सोनी रोज मंडी से सब्जी लाते हैं और किराये की इस दुकान पर बैठकर सब्जियां बेचते हैं।  

जयपुरराजस्थान की राजधानी जयपुर के हुकमचंद सोनी पिछले 25 साल से आभूषण बनाकर उनकी मरम्मत आदि कर रोजी रोटी चला रहे थे लेकिन लॉकडाउन के चलते वह अब अपनी दुकान में सब्जियां बेचने को मजबूर हो गए हैं। रामनगर इलाके में रहने के वाले सोनी का कहना है कि लॉकडाउन के कारण उपजे आजीविका संकट ने उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया है।

उनकी दुकान 'जीपी ज्वेलरी शॉप' में आभूषणों की जगह अब तरह-तरह की सब्जियों ने ले ली और सोने चांदी के बजाय अब आलू प्याज के मोल भाव व तोल करते हैं। सोनी ने पीटीआई- भाषा को बताया,' मैं चार दिन से अपनी दुकान में सब्जियां बेच रहा हूं। अब रोजी रोटी का यही तरीका सूझा है। मेरे पास ज्यादा पैसा तो है नहीं इसलिए थोड़े से निवेश से फौरी तौर पर यह नया काम शुरू कर दिया है।'

हुकमचंद सोनी यह दुकान अकेले ही चलाते हैं और उनका कहना है कि इससे उनके परिवार का खर्चापानी आसानी से चल रहा है। उन्होंने कहा, “हम पिछले कई दिनों से घर बैठे हैं। कोई कमाई नहीं है और कोई बड़ी बचत नहीं है। हमें पैसा और खाना कौन देगा? मैं अंगूठी जैसे छोटे आभूषण बनाता और बेचता था और टूटे आभूषणों की मरम्मत भी कर रहा था।

हुकमचंद सोनी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण वे तथा उनके जैसे अन्य दुकानदार निश्चित रूप से नुकसान झेल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, वह परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि आभूषण निर्माता से सब्जी विक्रेता बनना कोई आसान निर्णय नहीं था लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं था। हुकमचंद सोनी ने कहा, ‘‘घर पर खाली बैठे रहने से अच्छा है कि कुछ किया जाए।

दुकान का किराया देना और अपनी मां व गुजर चुके छोटे भाई के परिवार को पालना है। कुछ तो करना ही है। वे कहते हैं,'मेरे लिए तो कर्म ही पूजा है।’’ उन्होंने बताया कि अब वह रोज मंडी से सब्जी लाते हैं और किराये की इस दुकान पर बैठकर सब्जियां बेचते हैं।  

Web Title: Rajasthan Ki Khabar: Impact of lockdown, Jewelry artisans forced to sell vegetables in Jaipur

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