राजस्थानः अजमेर सेंट्रल जेल में कैदियों की थी बल्ले-बल्ले, हर महीने आठ लाख रुपये खर्च कर मिलता था वीआईपी ट्रीटमेंट
By रामदीप मिश्रा | Published: September 25, 2019 09:28 AM2019-09-25T09:28:38+5:302019-09-25T09:28:38+5:30
राजस्थान के अजमेर की केद्रीय कारागार में एसीबी की छापेमारी के दौरान पता चला था कि जेल में कैदियों को विशेष सुविधा मुहैया करवाई जा रही थी, जिसका भंडाफोड़ हुआ था।
राजस्थान के अजमेर की केद्रीय कारागार में कैदियों की बल्ले-बल्ले रही और उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट मिला। कैदियों को न केवल प्रतिबंधित उत्पाद प्रदान किए गए, बल्कि बैरक के अंदर विशेष उपचार भी दिया गया। यह खुलासा एंटी करप्शन ब्यूरों (एसीबी) की छापेमारी के बाद हुआ।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, छापेमारी के दौरान पता चला था कि जेल में कैदियों को विशेष सुविधा मुहैया करवाई जा रही थी, जिसका भंडाफोड़ हुआ था। इस संबंध में एक अधिकारी का कहना है कि जांच के दौरान पाया गया है कि बैरक नंबर एक से बैरक नंबर 15 के बीच उन कैदियों के लिए एक वीआईपी कमरे थे, जो आर्थिक रूप से मजूत थे। इन कमरों पर चाक से निशान बनाए गए थे। इन कैदियों को एक साफ-सुथरा कमरा, विशेष भोजन, साफ कपड़े आदि जैसी कई सुविधाएं प्रदान की जाती थीं।
अधिकारी का कहना था कि इन वीआईपी कमरों के किराए के रूप में हर महीने 8 लाख रुपये का खर्च किए जाते थे। जेल कर्मचारी बिचौलिए के जरिए जेल के बाहर से परिवार के सदस्यों से पैसे लेते थे, जबकि कुछ कैदियों के परिवार के सदस्य नकद राशि का भुगतान ऑनलाइन ट्रांसफर कर देते थे।
उनका कहना था कि अलग-अलग बैंकों से रैकेट में शामिल आरोपियों के बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध करवाने के लिए कहा। अब तक 18 बैंक खातों को जब्त कर लिया गया है। ”
एसीबी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने भी कहा कि परिजनों ने तंबाकू, सिगरेट जैसे विभिन्न उत्पादों के लिए भी पैसे दिए। सिगरेट के एक पैकेट की दर 12,000 रुपये से 15,000 रुपये के बीच थी और तंबाकू के एक पैकेट की कीमत 300 रुपये से 500 रुपये के बीच होगी।
बता दें कि एसीबी ने इस साल जुलाई में जेल के कैदियों को सेवाएं देने के लिए चलाए जा रहे रिश्वतखोरी रैकेट का भंडाफोड़ किया था। रैकेट के संबंध में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें चार जेल कर्मचारी, दो कैदी और एक कैदी का रिश्तेदार शामिल हैं।