शादी का झूठा वादा कर रेप मामला: हाईकोर्ट ने कहा- शिक्षित महिलाओं को शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने के परिणाम पता होने चाहिए
By विशाल कुमार | Updated: February 26, 2022 14:48 IST2022-02-26T14:43:48+5:302022-02-26T14:48:32+5:30
राजस्थान हाईकोर्ट ने आगे कहा कि वादा तोड़ने को झूठा वादा नहीं कहा जा सकता है। किसी वादे को तभी झूठा साबित किया जा सकता है जब वादा करने वाला वादा करते समय उसे पूरा करने का कोई इरादा नहीं रखता हो।

शादी का झूठा वादा कर रेप मामला: हाईकोर्ट ने कहा- शिक्षित महिलाओं को शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने के परिणाम पता होने चाहिए
जयपुर: शादी का झूठा वादा कर रेप करने के आरोप की सुनवाई कर रहे राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि विवाहित शिक्षित महिलाओं को शादी से पहले किसी पुरुष के साथ यौन संबंध बनाने के परिणामों के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने कहा कि आईपीसी की धारा 375 के तहत एक महिला की सहमति को केवल इस आधार पर रद्द किया जा सकता है, जहां महिला ने केवल इस तरह की गलतफहमी के कारण शारीरिक संबंध स्थापित किए थे।
अदालत ने आगे कहा कि वादा तोड़ने को झूठा वादा नहीं कहा जा सकता है। किसी वादे को तभी झूठा साबित किया जा सकता है जब वादा करने वाला वादा करते समय उसे पूरा करने का कोई इरादा नहीं रखता हो।
अदालत ने कहा कि धोखाधड़ी के माध्यम से सहमति हासिल करने में लालच एक जरूरी तत्व है। रिकॉर्ड पर ऐसे तत्व होने चाहिए जो प्रथमदृष्टया यह साबित करें कि आरोपी द्वारा लड़की को इस हद तक मजबूर किया गया कि वह उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हो गई।
अदालत ने यह भी कहा कि बलात्कार के मामलों में शारीरिक संबंध जबरन और महिला की सहमति के बिना होना चाहिए। हालांकि, अदालत ने कहा कि धोखाधड़ी से प्राप्त सहमति, सहमति नहीं होती है और इसलिए, यदि शारीरिक संबंध सहमति से बनाया जाता है, लेकिन धोखाधड़ी से प्राप्त किया जाता है, तो यह बलात्कार के समान होगा।