राजस्थानः ‘पधारो म्हारे देस’ पर जोर, पर्यटकों को रिझाने के लिए बनेगी नीति, खर्च होंगे करोड़ों

By भाषा | Updated: February 23, 2020 13:57 IST2020-02-23T13:57:35+5:302020-02-23T13:57:35+5:30

पर्यटन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई कारणों के चलते पर्यटकों की संख्या में हर साल घट बढ़ होती रहती है लेकिन हम चाहते हैं कि इसमें उत्तरोत्तर बढ़ोतरी हो और ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां आएं।

rajasthan govt emphasis on padhro mhare des will woo tourists | राजस्थानः ‘पधारो म्हारे देस’ पर जोर, पर्यटकों को रिझाने के लिए बनेगी नीति, खर्च होंगे करोड़ों

‘पधारो म्हारे देस’ पर 100 करोड़ रुपये का पर्यटन विकास कोष गठित करेगी राजस्थान सरकार

Highlights‘पधारो म्हारे देस’ पर करोड़ों खर्च कर पर्यटकों को आकर्षित करेगी राजस्थान सरकारराजस्थान देश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन गंतव्यों में से एक है और दुनिया के पर्यटन नक्शे में महत्वपूर्ण स्थान रखता है2019 में कुल मिलाकर 538.26 लाख पर्यटक राजस्थान आए जिनमें 522.20 लाख घरेलू व 16.06 लाख विदेशी पर्यटक शामिल हैं

राजस्थान सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘ईज आफ ट्रेवलिंग राजस्थान’ नीति बनाएगी तथा 100 करोड़ रुपये का पर्यटन विकास कोष गठित करेगी ताकि ‘पधारो म्हारे देस’ के लिए पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। राज्य की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट 2019-20 के अनुसार राजस्थान देश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन गंतव्यों में से एक है और दुनिया के पर्यटन नक्शे में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसके अनुसार कैलेंडर वर्ष 2019 में कुल मिलाकर 538.26 लाख पर्यटक राजस्थान आए जिनमें 522.20 लाख घरेलू व 16.06 लाख विदेशी पर्यटक शामिल हैं।

पर्यटन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई कारणों के चलते पर्यटकों की संख्या में हर साल घट बढ़ होती रहती है लेकिन हम चाहते हैं कि इसमें उत्तरोत्तर बढोतरी हो और ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां आएं। उन्होंने बताया कि राजस्थान आने वाले पर्यटकों की संख्या 2016 में 4.30 करोड़ थी जो 2018 में 5.19 करोड़ व 2019 में 5.22 करोड़ हो गयी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी सप्ताह पेश 2020-21 के बजट में राज्य में पर्यटन विकास के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि राजस्थान देश में पर्यटन की दृष्टि से सिरमौर रहा है। गहलोत ने राज्य में पर्यटन संबंधी सुविधाओं के विकास एवं उन्नयन के लिए 100 करोड़ रुपये का पर्यटन विकास कोष बनाने की घोषणा की। इसके साथ ही कहा कि ‘ईज आफ ट्रैवलिंग इन राजस्थान’ नीति बनाई जाएगी ताकि न केवल ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां आएं बल्कि उनका घूमना फिरना सुगम भी हो।

इसके तहत सरकार अगले एक साल में एक हजार राज्य स्तरीय व पांच हजार स्थानीय स्तर के गाइडों को प्रशिक्षण देकर उन्हें लाइसेंस देगी। राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने हाल ही में कहा था कि राजस्थान में पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और इस क्षेत्र में काफी कुछ किया जा रहा है। उनके अनुसार राजस्थान ने अपनी पर्यटन क्षमताओं का मात्र 20 प्रतिशत ही उपयोग किया है। राज्य विधानसभा में इसी सप्ताह पेश आर्थिक समीक्षा में कमोबेश इसी विचार के साथ कहा गया है कि पर्यटन क्षेत्र से राज्य में लोगों के लिए कमाई एवं रोजगार के अवसर सृजित करने के व्यापक अवसरों को देखते हुए यहां पयर्टन विकास के गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत वित्त वर्ष 2019-20 में दिसंबर 2019 तक ही पर्यटन विकास के विभिन्न कार्यों पर 811.73 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।

समीक्षा के अनुसार राज्य के कई पर्यटन स्थलों का विकास प्रस्तावित है। इसके तहत सांभर साल्ट कांपलेक्स, जयपुर के जय निवास बाग, धौलपुर के मचकुंड, चित्तौड़गढ़ में सांवलिया सेठ, राजसमंद में ऐतिहासिक कुंभलगढ़ किले, मेड़ता में मीराबाई स्मारक, उदयपुर में प्रताप गौरव केंद्र तथा गडीसर तालाब जैसलमेर साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था करना भी शामिल है। अधिकारियों के अनुसार राज्य में 48.03 करोड़ रुपये की लागत से ‘वाइल्ड लाइफ सर्किट’ के विकास का प्रस्ताव केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के पास विचाराधीन है।

Web Title: rajasthan govt emphasis on padhro mhare des will woo tourists

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