अल्कोहल की खपत को कम करने पर जोर देने के बजाय राजस्थान की सरकार उसमें तेजी लाने पर जोर दे रही है। इसके लिए राज्य सरकार तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। शराब की बिक्री बढ़ने से उससे होने वाली आय के जरिए सरकार अपने वित्तीय खजाने की भरने की तैयारी में है।
राजस्व बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने इस साल पहले से ही शराब की कीमतें, लाइसेंस फीस और टैक्स बढ़ा दिया है। लेकिन अब यह होटल, रेस्टोरेंट और बीयर लाउंज को शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों में लगभग 300 बार, होटल को जुर्माना देने का नोटिस दिया गया है। यह नोटिस इसलिए दिया गया कि इन होटल और बार ने पिछले साल की तुलना में 10 परसेंट अधिक शराब बेंचने में सफल नहीं रहे।
होटल बार ऑनर वेलफेयर एसोसिएशन के सेक्रेटरी दिलीप तिवारी का कहना है कि अथॉरिटी चाहती है कि हम 10 परसेंट अधिक शराब की बिक्री करें। लेकिन बार और लाउंज की बढ़ती संख्या से होटल में कॉम्पिटिशन बढ़ गया है। इस वजह से होटल 10 परसेंट अधिक शराब की बिक्री कर पाने में सफल नहीं हो रहे हैं। अब इन होटलों को पिछले साल की तुलना में अधिक शराब की बिक्री न कर पाने की वजह से पेनाल्टी भरने का नोटिस जारी किया जा रहा है।
यह विरोधाभासी है कि एक तरफ तो सरकार शराब के दाम बढ़ाती जा रही है और चाहती है कि हम ज्यादा बिक्री करें। 30 जून को दाम बढ़ने के बाद 109 रुपये के बीयर की कीमत 127 रुपये हो गई है। डिपार्टमेंट ने भारत में निर्मित विदेशी शराब की कीमत भी 15 परसेंट बढ़ा दिया है।
पहले सिर्फ रिटेल शॉप पर ही ये पॉलिसी लागू होती थी कि हर साल शराब की बिक्री में 10 परसेंट की बढ़त करनी होती थी। लेकिन यही नियम होटलों पर लगाने का कोई तर्क नहीं बनता।
तिवारी का कहना है कि इसी साल बार की कीमत 7 से 8 लाख रुपये बढ़ा दी गई है। दूसरे शराब की बढ़ी कीमतों की वजह से उसकी बिक्री पहले से ही घटी हुई है।