विपक्षी दिग्गजों में नहीं दिखे अखिलेश, मायावती और वाम दलों के नेता, जानिए क्या बोले राहुल गांधी
By अनुभा जैन | Updated: December 17, 2018 20:38 IST2018-12-17T20:38:44+5:302018-12-17T20:38:44+5:30
तीन राज्यों में भाजपा को हराने के बाद राहुल गांधी विपक्षी एकजुटता की धुरी बनते नजर आए।नके साथ झामुमो नेता हेमंत सोरेन और हिंदुस्तान अवामी मोर्चा के जीतन राम मांझी भी मौजूद थे।लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे, भूपेंद्र हुड्डा, सिद्धरमैया, आनंद शर्मा, तरुण गोगोई, नवजोत सिंह सिद्धू, अविनाश पांडे सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे।

विपक्षी दिग्गजों में नहीं दिखे अखिलेश, मायावती और वाम दलों के नेता, जानिए क्या बोले राहुल गांधी
गुलाबी नगरी जयपुर के अल्बर्ट हॉल में सजे भव्य मंच पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली तो विपक्ष के कई दिग्गज नेता इसके गवाह बने, लेकिन पार्टी का खुलकर समर्थन करने वाले अखिलेश यादव और मायावती जैसे बड़े नाम यहां नहीं दिखाई दिए।वाम दलों की तरफ से भी बड़ा चेहरा नहीं दिखाई दिया। कांग्रेस ने अखिलेश और मायावती जैसे विपक्ष के बड़े चेहरों की गैरमौजूदगी को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते हुए कहा कि कांग्रेस में शपथ ग्रहण शक्ति प्रदर्शन का अवसर नहीं होता है। सपा एवं बसपा विपक्षी एकजुटता के साथ हैं।
वैसे, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा को पटकनी देने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी विपक्षी एकजुटता की धुरी बनते दिखे तो दूसरे कई विपक्षी दलों के आला नेताओं की शिरकत ने भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ व्यापक गठबंधन से जुड़ी कांग्रेस की उम्मीदों को पर लगाने का काम किया। शपथ ग्रहण में राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं एच।डी। देवगौड़ा और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के नेता एन चंद्रबाबू नायडू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, द्रमुक नेता एमके स्टालिन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं जद (एस) नेता एच।डी। कुमारस्वामी, राजद नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी शामिल हुए।
इनके साथ झामुमो नेता हेमंत सोरेन और हिंदुस्तान अवामी मोर्चा के जीतन राम मांझी भी मौजूद थे।लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे, भूपेंद्र हुड्डा, सिद्धरमैया, आनंद शर्मा, तरुण गोगोई, नवजोत सिंह सिद्धू, अविनाश पांडे सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे। गत मई महीने में कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद यह दूसरा मौका था जब विपक्षी दलों के नेता इस तरह से एक मंच पर नजर आए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक इन तीनों राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद विपक्षी एकजुटता के साथ राहुल गांधी के कद में इजाफा साफ तौर पर दिख रहा है। वैसे, इसकी बानगी शनिवार को तमिलनाडु में देखने को मिली, जब द्रमुक नेता स्टालिन ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने पैरवी की।
सपा, बसपा और वाम दलों के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी के बारे पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह शक्तिप्रदर्शन के अवसर नहीं होते हैं। इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि सपा और बसपा ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया है। विपक्षी एकजुटता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मतदाता चाहते हैं कि जनता के मुद्दों पर स्वस्थ और साफ-सुथरी राजनीति को बहाल करने में हम एकजुट हों। विपक्षी दल इसी भावना से काम कर रहे हैं।
वसुंधरा से गर्मजोशी से मिले राहुल और गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बहुत गर्मजोशी से मिले। शपथ ग्रहण में शिरकत करने पहुंची वसुंधरा ने नारंगी रंग की साड़ी पहन रखी थी और उन्होंने मौके पर पहुंचकर नए मुख्यमंत्री को बधाई दी।कांग्रेस अध्यक्ष ने उनके पास जाकर उनसे मुलाकात की। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया।गहलोत, पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के कई अन्य नेता भी पूर्व मुख्यमंत्री से बेहद गर्मजोशी के साथ मिले।शपथ ग्रहण के बाद वसुंधरा ने ट्वीट कर कहा कि मैं अशोक गहलोत को राजस्थान के मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनने की बधाई देती हूं।
पायलट की शपथ पूरी, पहना साफा
कांग्रेस के सत्ता में लौटने के बाद ही साफा पहनने की प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की सौगंध पूरी हो गई है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पायलट ने सोमवार को अल्बर्ट हाल प्रांगण में पद व गोपनीयता की शपथ ली। उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया है और शपथ के समय उन्होंने पारंपरिक राजस्थान साफा पहना हुआ था।पायलट ने पिछले दिनों बताया था कि 2014 में पार्टी की हार के बाद उन्होंने प्रण लिया था कि जब तक कांग्रेस सत्ता में वापसी नहीं करेगी वह साफा नहीं पहनेंगे। उन्होंने खुद को साफे से दूर करने का फैसला किया जो कि संस्कृति का एक प्रतीक है। उल्लेखनीय है कि राजस्थानी साफा राजस्थान में संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा है।
जानिए राहुल ने क्या कहा
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस राज्य की जनता की सेवा करने की अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाएगी। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस पार्टी पर विश्वास करने के लिए राजस्थान वासियों का हृदय से आभार। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को उनके संघर्ष के सफल होने पर हार्दिक बधाई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान की सेवा करना कांग्रेस पार्टी के लिए गौरव की बात है। हम अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभाएंगे।’’
कांग्रेस की बंद योजनाएं चालू होंगी
शपथ लेने के बाद अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार के मुख्य मुद्दे भ्रष्टाचार, युवाओं के बेरोजगारी और गुड गवर्नेस हैं। उन्होंने कहा कि जो योजनाएं राजग सरकार के समय जनहित की कांग्रेस की योजनाएं बंद कर दी गई थी, उन्हें पुन: चालू किया जाएगा।
मेनिफेस्टो के वादों को पूरा किया जाएगा
सचिन पायलट ने कहा कि आज एक नई शुरुआत होने जा रही है, जो वादे मेनिफेस्टो में होंगे उनको पूरा करने के साथ प्रतिभाशाली युवाओं को एक मंच देने, बेरोजगारी की समस्या को दूर करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।